रिपोट: आरिफ नकवी

बर्लिन : जर्मनी का वातावरण आजकल जहां हजारों शरणार्थियों के आगमन और उनके ठहरने आदि समस्याओं से प्रभावित है, वहीं गर्मियों के समापन और शरद ऋतु के आगमन के साथ समारोह और मेलों के रूप में जशनों के मौसम का दौर भी है।

जाहिर है कि हर चीज़ पर कलम नहीं उठाया जा सकता है। लेकिन आज जर्मन की राजधानी बर्लिन का दृश्य ही निराला था। सारी महत्वपूर्ण सड़कें लोगों लोगों से भरी थीं। लोग सुबह छह बजे से ही सड़कों के किनारे जमा होने लगे थे। क्योंकि यह घोषणा की थी कि 131 देशों के इकतालीस हजार दो सौ चैबीस (41224) खिलाड़ी बयालीस (42) किमी माराथान दौड़ में भाग लेंगे। इसलिए चमचमाती हुई सुखद धूप में बर्लिन के आदमी, औरत, बच्चे बूढ़े खिलाडियों को शाबाशी देने के लिए सड़कों के किनारे एकत्र हुए थे।

यह दौड़ सुबह 9 बजे 17 अक्तूबर नामक सड़क से शुरू हुई और ब्रांडनबुर्गर बर्गर गेट नामक ऐतिहासिक स्थान पर समाप्त हुई।

शुरुआत से ही केन्या और इथियोपिया के खिलाड़ी दौड़ में छाए रहे। हालांकि कीनिया के खिलाड़ी Eliud Kipchoge के जूते में खराबी नजर आ रही थी। लगता था जैसे वह खुल गया है। उसके अंदर का पयतावा ढीला हो गया  था। शक था कि वह अपनी दौड़ पूरी नहीं कर पाएगा। लेकिन इसी खिलाड़ी ने यह दौड़़ साल का सबसे अच्छा समय निकालकर जीती। तीस साल के इस खिलाड़ी ने 42 किलोमीटर की दूरी 2:4:1 घंटे में पूरा किया और प्रथम आया। दूसरे नंबर पर केन्या के Eluiud Kiptanui  आया। 2:5:22 घंटे के साथ तीसरे स्थान पर इथियोपिया के Feyisa Liesa 2:6:57 घंटे के साथ रहा।

इस मैराथान दौड़ की एक खास बात यह भी थी कि इसमें बहुत सी महिलाओं ने पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर भाग लिया।