मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने शीना बोरा हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। मुंबई के इस चर्चित शीना बोरा हत्याकांड में रसूखदार लोगों के शामिल होने की वजह से मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर तमाम तरह के आरोप लगते रहे हैं। जहां इस मामले में मुंबई पुलिस पर पहले ढिलाई बरतने के आरोप लगे वहीं बाद में महाराष्ट्र सरकार पर ही सीधा जांच में दखल देने का आरोप लगा।

यह हत्याकांड मीडिया ताइकून पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी से जुड़ा हुआ है। इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी, उनके पूर्व पति संजीव खन्ना और उनका एक ड्राइवर आरोपी है। पुलिस इन सभी से पूछताछ कर रही है और सभी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

उल्लेखनीय है कि शीना बोरा (24) की कथित रूप से हत्या उसकी ही मां इंद्राणी मुखर्जी, सौतेले पिता संजीव खन्ना और कार के ड्राइवर ने अप्रैल 2012 में मुंबई में की थी।

बता दें कि आरोप है कि शीना के शव को पूरी रात मीडिया टाइकून और इंद्राणी के पति पीटर मुखर्जी के घर पर कार में ही रातभर रखा गया था। अगली सुबह कार में ही लाश को लेकर ये तीनों आरोपी मंबई से 80 किलोमीटर दूर रायगढ़ के जंगलों में गए और कथित रूप से आग के हवाले कर दिया।

करीब एक महीने बाद अधजली हालत में लाश को कुछ गांववालों ने देखा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने लाश को लावारिश घोषित कर दिया और दफना दिया।

इस हत्याकांड में लगी मुंबई पुलिस का अब दावा है कि बरामद लाश से मिले अवशेष का डीएनए टेस्ट कराया गया है जिससे यह साबित हो गया है कि वह शीना बोरा की लाश थी।

उल्लेखनीय है कि शीना बोरा के बारे में इंद्राणी ने उसके जानने वालों को यही बताया था कि वह अमेरिका चली गई है, आगे की पढ़ाई के लिए। इंद्राणी के पति पीटर मुखर्जी से भी पुलिस ने इस हत्याकांड के सिलसिले में पूछताछ की थी। पुलिस ने इन दोनों द्वारा बनाई की मीडिया कंपनी के लेन-देन के बारे में भी जानकारी हासिल की थी।

गौरतलब बात यह भी रही कि पीटर मुखर्जी के बेटे राहुल मुखर्जी और शीना बोरा में संबंध थे और दोनों की सगाई भी हो गई थी। कहा जाता है कि इंद्राणी को राहुल से शीना के संबंधों पर ऐतराज था और वह इस बात से शीना को रोक रही थी।

कहा जाता है कि शीना बोरा को उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी अपनी छोटी बहन बताया करती थी। लोगों से उसने शीना का यही परिचय कराया था। यहां तक की अपने तीसरे पति पीटर मुखर्जी से भी इंद्राणी ने शीना की यही पहचान बताई थी।

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया का ट्रांसफर समय से पहले कर दिया गया। आरोप लगा कि मामले में जरूरत से ज्यादा दिलचस्पी दिखाने के कारण राकेश मारिया का ट्रांसफर सरकार ने कर दिया है।

सूत्र बताते हैं कि मारिया का मानना था कि इस मामले में जिसमें तमाम रसूखदार लोग और पैसे वाले लोगों का लेना-देना रहा है। इसके खुलासे के कारण उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था। वहीं उनका तर्क रहा है कि इस मामले में जांच में उनके मातहत आने वाले जो अधिकारी थे उन्हें इंद्राणी मुखर्जी कथित रूप से अपने ऊंचे संबंधों का हवाला देकर धौंस दे रही थीं और इतना ही नहीं वह जानबूझकर सारी बातें अंग्रेजी में कर रही थी ताकि पुलिसवालों को जांच में दिक्कत आए। मारिया की ओर से कहा गया कि वह इसलिए मामले में ज्यादा लगे क्योंकि अन्य अधिकारियों का हाथ अंग्रेजी में कुछ तंग था।

पुलिस महकमा इस बात की भी जांच कर रहा है कि आखिर क्यों नहीं तब इस मामले की जांच की गई और हत्या का खुलासा किया गया। इस मामले में जांच रिपोर्ट तैयार कर डीजीपी संजीव दयाल को सौंप दी गई थी।