मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने एक अजीब ‘फरमान’ जारी किया है। महाराष्ट्र में परिवहन मंत्री दिवाकर राउते ने कहा है कि राज्य में 1 नवंबर से सिर्फ उन लोगों को ही ऑटो रिक्शा का परमिट मिलेगा जो मराठी बोलना जानते होंगे। राउते शिवसेना कोटे से मंत्री हैं।
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले पर विवाद शुरू हो सकता है क्योंकि महाराष्ट्र में ऑटो रिक्शा चलाने वाले 70 फीसदी लोग उत्तर भारतीय हैं। महाराष्ट्र सरकार का ये फैसला उनके लिए बड़ा झटका हो सकता है।
अगर मुंबई की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा उत्तर भारतीय हैं जो ऑटो रिक्शा या टैक्सी चलाकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी-शिवसेना के बीच चल रही राजनीतिक उठापटक में शिवसेना मराठीवाद की राजनीति कर रही है। ऐसा पहले भी देखा जाता रहा है कि जब शिवसेना के पास कोई मुद्दा नहीं होता तो वो मराठीवाद की राजनीति शुरू कर देती है।
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