लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक ने आज भारत रत्न पंडित गोविन्द वल्लभ पंत की 128वीं जयन्ती के अवसर पर विधान भवन के समक्ष उनकी प्रतिमा पर जाकर अपनी आदराजंलि अर्पित की तथा उनके चित्र पर माल्यार्पण किया। 

राज्यपाल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि पं0 गोविन्द वल्लभ पंत का जीवन सबके लिये अनुकरणीय है। जब देश आजाद नहीं था तो उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में कई समय पर संघर्ष किया। काकोरी घटना में उन्होंने वकील की हैसियत से काम किया। वे 14 वर्ष तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे तथा देश के गृहमंत्री के रूप में भी उन्हांेने प्रमाणिकता एवं पारदर्शिता के साथ देश की सेवा की। उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि पं0 गोविन्द वल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के ही नहीं, बल्कि पूरे देश के नेता थे। 

श्री नाईक ने कहा कि पं0 गोविन्द वल्लभ पंत में लोकमान्य तिलक जैसी देशभक्ति थी, महात्मा गांधी जैसी शांति प्रियता थी तथा सरदार पटेल जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति थी। उनमें तीनों का मिश्रण दिखाई पड़ता है। उन्होंने कहा कि सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि पंत जी ने अपने जीवन से सुशासन का जो संदेश लोगों को दिया था उस पर चलने का संकल्प लें। 

इस अवसर पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन, राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चौधरी, विधान परिषद के सदस्य नसीब पठान, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यदेव त्रिपाठी सहित अन्य राजनैतिक दलों के लोग तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।