लखनऊ:  उत्तर प्रदेश में पीडि़त किसानों द्वारा आत्महत्या करने की खबरें समाचारपत्रों में लगातार सुर्खियां बन रही हैं। परन्तु प्रदेश सरकार अभी तक किसानों को किसी प्रकार की आर्थिक मदद प्रदान नहीं कर पायी है। प्रदेश सरकार पूरी तरह से किसानों के समस्याओं को लेकर उदासीन बनी हुई है।

पिछले वर्ष उ0प्र0 में हुई असमय अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि से बर्बाद हुई किसानों की फसलों के मुआवजे को लेकर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार एवं केन्द्र की मोदी सरकार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाती रही परन्तु किसानों की सुधि किसी ने नहीं ली। राहत के रूप में जो दस, पन्द्रह एवं बीस रूपये के चेक दिये गये वह भी बैंकों में बाउन्स हो गये। प्रदेश कांग्रेस कमेटी समाजवादी पार्टी सरकार से यह मांग करती है कि वह केन्द्र द्वारा दी गयी मदद की धनराशि  का सम्पूर्ण विवरण सार्वजनिक करे तथा समाजवादी पार्टी द्वारा उसके वितरण का भी पूरा हिसाब जनता को उपलब्ध कराये। 

कंाग्रेस पार्टी केन्द्र की भाजपा सरकार एवं प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार पर यह आरोप लगाती है कि मदद के नाम दोनों राजनैतिक दलों ने किसानों को मात्र छला है। एक बार फिर प्रदेश का किसान सूखे की मार झेल रहा है परन्तु केन्द्र एवं राज्य की सरकार गरीब किसानों की किसी प्रकार की न तो कोई मदद कर रही है और न ही प्रदेश में हो रही आत्महत्याओं की उसे चिन्ता है। 

कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि राज्य सरकार किसानों को सूखे से बचाने के लिए तुरन्त आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये, सिंचाई के लिए अविलम्ब नहरों में टेल तक पानी व समुचित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराये जाने के साथ ही सभी प्रकार के सरकारी/सहकारी बैंकों द्वारा किसानों से कर्ज वसूली को तत्काल प्रभाव से स्थगित करेें।