लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज अपनी सरकार के अफसरों से काफी खफा लगे । मुख्यमंत्री आवास पर आज सिंचाई विभाग के कार्यक्रम के दौरान सीएम ने कहा कि मुझे पता है कि किससे कब और कहां काम लेना है। मुख्यमंत्री ने इंजीनियरों को वार्निंग देते हुए कहा कि आप लोग सुधर जाइए, हमने प्रदेश में इंजीनियरों से साइकिल चलवाई है।

मुख्यमंत्री  ने कहा है कि प्रदेश की  सिंचाई परियोजनाओं एवं राजकीय नलकूपों का किसानों को सर्वाधिक लाभ उपलब्ध कराने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए। प्रदेश में बहने वाली 06 नदियों-गोमती, सैंगर, अनैया, चन्द्रावल, अखेरी तथा हिण्डन को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य सरकार गम्भीरता से प्रयास कर रही है, ताकि इन नदियों को इनके प्राकृतिक स्वरूप में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि नदियों का संरक्षण आर्थिक रूप से एक बड़ा काम है, लेकिन इसे हर हाल पूरा किया जाएगा। 

मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर सिंचाई विभाग की विभिन्न परियोजनाओं एवं राजकीय नलकूपों के लोकार्पण एवं शिलान्यास किया । इस मौके पर जल पुरूष राजेन्द्र सिंह को सम्मानित करते हुए उन्होंने कहा कि श्री सिंह ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने जल संरक्षण को बढ़ावा देने तथा जन सहयोग से तालाबों के जीर्णाेद्धार एवं खुदाई के प्रति अपना जीवन समर्पित कर दिया है। प्रदेश के जल स्रोतों को इनके प्राकृतिक स्वरूपों में वापस लाने के लिए राज्य सरकार श्री राजेन्द्र सिंह के सुझाव पर अमल करेगी। 

जल व्यवस्था के विस्तृत अध्ययन के लिए प्रदेश में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का नाॅलेज सेण्टर स्थापित करने का आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विशालता को देखते हुए इस प्रकार का सेण्टर बहुत आवश्यक है। उन्होंने सिंचाई विभाग को बेहतर परिणाम पाने के लिए अपनी कार्यप्रणाली एवं परियोजनाओं में यथा आवश्यक संशोधन करने पर बल दिया। 

श्री यादव ने लखनऊ नगर मंे गोमती नदी के तट विकास के लिए बनाए जा रहे डायफ्राम का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस ढंग से नदी तट को विकसित करने की योजना बनायी गई है, उसके अनुरूप कम से कम 500 मीटर का काम दीपावली से पहले पूरा किया जाए, जिससे जनता को पता चले की परियोजना के पूरा होने पर नदी तट कैसा दिखाई देगा। उन्हांेने देश एवं प्रदेश की तरक्की के लिए अभियंताओं को आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि अभियंताओं को विकसित देशों की परियोजनाओं की गुणवत्ता एवं तकनीक के अनुरूप यहां की परियोजनाओं को पूरा करना चाहिए। 

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में डाॅ0 राम मनोहर लोहिया नवीन नलकूप परियोजना के तहत नवनिर्मित 1020 राजकीय नलकूपों का लोकार्पण तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष में बनने वाले 380 नलकूपों का शिलान्यास किया। इसके साथ ही, जनपद चन्दौली की धनकुवांरी, सोगाई व महदेउर नवनिर्मित तथा बलुआ एवं कुण्डाकला पम्प नहरों के जीर्णाेद्धार के कार्याें का लोकार्पण किया। इनके अलावा जनपद चन्दौली की कर्मनासा नदी पर बने 16 पम्प नहरों को स्वतंत्र फीडर से संयोजन के कार्याें का लोकार्पण भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 11 सौर ऊर्जा संचालित राजकीय नलकूपों का शिलान्यास भी किया। 

इस अवसर पर जलपुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि जल संरक्षण को लेकर उनका हमेशा सरकारों से संघर्ष चलता रहता है, लेकिन प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री के पर्यावरण एवं जल संरक्षण के प्रयासों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि यदि मुख्यमंत्री थोड़ा भी प्रयास करें तो नदियों एवं जल स्रोतों को उनका प्राकृतिक स्वरूप वापस किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार पहली ऐसी सरकार होगी जो नदी का अधिकार लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कार्याे के दृष्टिगत हाल ही में स्टाॅकहोम में सम्पन्न अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन को पर्यावरण रक्षक सम्मान तथा श्री दीपक सिंघल को जल प्रशासक के रूप में सम्मानित करने का फैसला किया गया।