व्यापार से जुड़े खतरों से निपटने के लिए इंडिया इंक कितना तैयार है? आईसीआईसीआई लोम्बार्ड द्वारा किए गए एक सर्वे में पता चला है कि जानकारी होने के बावजूद कंपनियां केवल कुछ खतरों की कवरेज लेती हैं। ज्यादातर कंपनियां अपर्याप्त कवर दे रही हैं क्योंकि वे कम होने वाले उच्च प्रभावी घटनाओं से बचना चाहती हैं।

संभावित खतरों से इंडिया इंक के पर्याप्त कवर का पता लगाने के लिए देश की अग्रणी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में से एक आईसीआईसीआई लोम्बार्ड की तरफ से मल्टी-इंडस्ट्री सर्वे का आयोजन किया गया। यह सर्वे 292 कंपनियों पर किए गए थे जिसमें टेक्नोलॉजी, बीएफएसआई, स्टील, सीमेंट, फार्मास्यूटिकल्स, पेट्रो व एनर्जी इंजीनियरिंग व मैन्यूफैक्चरिंग, एफएमसीजी, रियलिटी व इंफ्रास्ट्रक्चर, माइनिंग व मिनिरल, हेल्थकेयर व हॉस्पिटेलिटी, ट्रांसपोर्टेशन व लॉजिस्टिक, मीडिया व इंटरटेनमेंट, ऑटो व टेलीकॉम जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इससे पता चला है कि कुछ जोखिम होने के बावजूद कई इंडस्ट्री में पर्याप्त रिस्क कवर नहीं है।

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के अंडरराइटिंग व क्लेम चीफ संजय दत्ता ने कहा कि कारोबार के माहौल में हो रहे बदलाव के साथ चल रहे ऑपरेशन से जुड़े खतरे भी बदले हैं। ऐसे में कंपनियों को यह समझना बेहद महत्वपूर्ण है कि हर तरह से हो रहे विकास के बावजूद उन्हें विभिन्न खतरों से अपने परिचालन को कवर करना आवश्यक है। बिजनेस रिस्क पर आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के सर्वे का उद्देश्य कंपनियों को उनके परिचालन में जोखिम प्रबंधन के महत्व व प्रभाव को समझने में मदद करना है।