आज़म खां ने गुजरात में पटेल समाज पर बर्बर लाठीचार्ज की कठोर निंदा की 

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के कद्दावर मंत्री आज़म खां ने ने कर गुजरात में प्रदर्शनकारी पटेल समुदाय के लोगों पर ज़बरदस्त लाठीचार्ज की भर्त्स्ना करते हुए कहा कि देश में जनरल डायर की मानसिकता आज भी ज़ि़न्दा है । 

आज़म ने अपने बयान में कहा कि मैं गुजरातियों पर पुलिस द्वारा बर्बर लाठीचार्ज करने, लोकतान्त्रिक तरीक़े से अपनी बातों को कहने के अधिकार और अभिव्यक्ति के अधिकारों को दमन और कूटनीति से दबाये जाने की कड़े शब्दों में निन्दा करता हूँ। रैली के दौरान आन्दोलन के नेताओं की गिरफ़्तारी भारतीय जनता पार्टी का खूनी षड्यंत्र था। गुजरात की भाजपा सरकार को यह मालूम था कि जन सन्देश की रैली में शरीक होने वाले लोग अपने नेता की गिरफ़््तारी बर्दाश्त नहीं करेंगे इसके बावजूद लाखों की रैली के दौरान आन्दोलन के अगुवा और मुख्य व्यक्ति हार्दिक पटेल को गिरफ़तार करना ऐसा ही था जैसे आग में घी डालना। इस प्रकार एक उग्र आन्दोलन को और भड़काने के मक़सद से मांगे मानने या किसी प्रकार का आश्वासन देने के बजाय दमन की कठोर कार्रवाई करना भारतीय जनता पार्टी का एक सोचा-समझा षडयंत्र ही था।

आज़म ने कहा कि आरक्षण देना या न देना इसका निर्णय सरकार को लेना था लेकिन इस प्रकार एक जन आन्दोलन को दबाना इस बात का संदेश देता है कि आने वाले समय में भी लोकतांत्रिक तरीक़े से चलाये जाने वाले किसी भी बड़े आन्दोलन को कुचलने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह तैयार है। साथ ही यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज़ादी के इतने लम्बे सफ़र के बाद भी जनरल डायर की मानसिकता ज़ि़न्दा है। आन्दोलनकारियों पर दमन की कार्रवाई कर गुजरात की सरकार, केन्द्र सरकार तथा भारतीय जनता पार्टी ने जिस प्रकार से उकसाने और अपमानित करने का कार्य किया है उसकी चौतरफ़ा निन्दा होना स्वाभाविक है। इस कार्रवाई के बाद जो कड़ी प्रतिक्रिया सामने आ रही है उससे यह साबित होता है कि हर कमज़ोर को नहीं दबाया जा सकता। गुजरात में कभी अपनों का नरसंहार करके सत्ता हासिल करने वालों को यह समझ लेना चाहिये कि एक तजुर्बे को बार-बार नहीं दोहराया जा सकता।