आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने थाने में दी तहरीर 

लखनऊ: लखनऊ निवासी समाजसेविका और आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने आज यूपी के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार (आईएएस), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी और सचिवालय के अन्य कार्मिकों के खिलाफ जालसाजी और छल करके राजपत्रित पद पर फर्जी प्रमाणपत्रों  के आधार पर नियुक्ति करने का गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR ) दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने के लिए एक प्रार्थना पत्र थाना हजरतगंज में दिया है l

उपस्थित मीडिया को संबोधित करते हुए उर्वशी ने कहा कि यूपी में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं l अखिलेश यादव की अगुआई में चल रही सपा सरकार की नौकरशाही पर  निरंकुश होकर भ्रष्टाचार और कदाचार करने का आरोप लगाते हुए उर्वशी ने कहा कि अब इन अधिकारियों के मन से कानून का डर पूरी तरह से ख़त्म हो आया है और अब तो आलम यह है कि जनता के पैसों से मोटी मोटी तनख्वाह और सुविधाएं लेने बाले यहाँ के प्रमुख सचिव स्तर के आईएएस भी पैसे और अपने अन्य व्यक्तिगत हितों की पूर्ति के लिए अपने जमीर का और देश के सर्वोच्च माने जाने बाले आईएएस पद की गरिमा तक का सौदा तक करने मैं कतई भी हिचक नहीं रहे है l

उर्वशी ने बताया कि उनके द्वारा दायर अनेकों आरटीआई से जो प्रपत्र उनके हाथ लगे हैं उनसे एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें वर्तमान प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार ( आईएएस ), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी और  उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से न्यायालयों के आदेशों और शासनादेशों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने का अपराध दस्तावेजों के आधार पर स्वतः ही सिद्ध हो रहा है l आरटीआई से प्राप्त अभिलेखों से स्पष्ट हो रहा है कि सचिवालय के इन वरिष्ठ कार्मिकों ने अपने क्षुद्र लाभों के लिए जालसाजी और छल करके द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद तक पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति कर डाली है l उर्वशी ने बताया कि उन्होंने व्यापक लोकहित में इन प्रपत्रों से सिद्ध हो रहे अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर दोषियों को दण्डित कराने के लिए यह तहरीर थाने में दी है l