मुख्यमंत्री ने ग़ज़ल गायिका ज़रीना बेगम, ठुमरी गायिका सुनीता झिंगरन को ‘बेगम अख़्तर पुरस्कार’ से किया सम्मानि

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की समाजवादी सरकारों ने गायकों, संगीतकारों, कलाकारों, साहित्यकारों इत्यादि का जितना सम्मान किया है उतना किसी भी अन्य सरकार ने नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के उपरान्त उन्हें एक कार्यक्रम के दौरान जानकारी मिली कि हिन्दी साहित्यकारों के सारे सम्मान पूर्व सरकार द्वारा बन्द कर दिये गये थे। अतः इस सरकार ने इस तरह के 500 पुरस्कार पुनर्जीवित करने का काम किया। 

मुख्यमंत्री ने यह विचार आज संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ के सन्त गाडगे महाराज प्रेक्षागृह में आयोजित बेगम अख़्तर पुरस्कार अलंकरण समारोह-2014-15 को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध ग़ज़ल तथा शास्त्रीय गायिका ज़रीना बेगम तथा सुप्रसिद्ध ठुमरी गायिका सुनीता झिंगरन को मुख्यमंत्री ने 5-5 लाख रुपये, अंगवस्त्र तथा प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सुप्रसिद्ध ग़ज़ल गायिका रीता गांगुली का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने बेगम अख़्तर के नाम पर पुरस्कार रखने का प्रस्ताव दिया और उन्हीं की प्रेरणा से यह पुरस्कार रूप ले सका। उन्होंने कहा कि संगीत, साहित्य, ललित कला, तथा अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाली प्रदेश की विभूतियों को सम्मानित करना गौरव की बात है।

श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार चाहती है कि राज्य के कलाकारों, संगीतकारों तथा अन्य ललित कलाओं में लगे हुए लोगों का भी विकास हो और उन्हें हर तरह से सम्मान मिले। आज सम्मानित की जा रही इन दोनों महान शखि़्सयतों से मिलने और उन्हें सम्मानित करने पर गर्व की अनुभूति हो रही है। नये लोग इनकी गायिकी को सुनेंगे, समझेंगे और इनसे प्रेरणा लेकर कुछ सीखेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह दोनों फनकार लम्बे समय तक संगीत जगत की सेवा करती रहेंगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी देश या प्रदेश का सही माने में चहँुमुखी विकास तभी माना जा सकता है जब भौतिक प्रगति के साथ-साथ कला, साहित्य, संगीत तथा संस्कृति का भी विकास हो। इसके लिए भाषा, कला, संगीत तथा सभी ललित कलाओं का विकास संवर्द्धन व संरक्षण ज़रूरी है। राज्य सरकार साहित्य, संगीत एवं विभिन्न ललित कलाओं को प्रोत्साहित करते हुए, इनसे जुड़े विद्वानों एवं कलाकारों को लगातार सम्मानित करने का काम कर रही है। प्रदेश की समाजवादी सरकार ने देश एवं दुनिया में प्रदेश का नाम रौशन करने वाले अनेक लोगों को यश भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया है। 

इस पुरस्कार पर प्रकाश डालते हुए श्री यादव ने कहा कि ग़ज़ल, दादरा और ठुमरी को अपनी आवाज़ के जादू से नयी बुलन्दियों तक पहुंचाने वाली बेगम अख़्तर के जन्म शताब्दी वर्ष में राज्य सरकार ने ‘बेगम अख़्तर पुरस्कार’ की घोषणा की है। बेगम अख़्तर ने अपनी प्रतिभा एवं मेहनत के बल पर देश-दुनिया में अपनी गायिकी का लोहा मनवाया। उनकी गायिकी प्रदेश की भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है। 

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सुप्रसिद्ध गायिका रीता गांगुली तथा सुप्रसिद्ध ग़ज़ल गायक अहमद हुसैन व मोहम्मद हुसैन को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर आयोजित ग़ज़ल संध्या में रीता गांगुली तथा अहमद हुसैन व मोहम्मद हुसैन ने अपना गायन भी प्रस्तुत किया।

इससे पूर्व उन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर उन्होंने संस्कृत विभाग द्वारा विकसित की गयी ई-निदेशिका का शुभारम्भ माउस क्लिक कर किया। साथ ही, उन्होंने संस्कृत विभाग द्वारा विकसित ई-कैलेण्डर तथा निःशुल्क एस0एम0एस0 सेवा का भी शुभारम्भ किया। उन्होंने ‘बेगम अख़्तर पुरस्कार-2014-15 स्मारिका’ का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री नरायण दत्त तिवारी, राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चैधरी, राज्य मंत्री वसीम अहमद, सचिव मुख्यमंत्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, संस्कृति सचिव अनीता मेश्राम, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी मौजूद थे।