नई दिल्ली: एबीपी न्यूज-नील्सन के सर्वे में अभी भी देश का मूड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिख रहा है. हालांकि महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मोदी सरकार पर जनता का भरोसा टूटता नजर आ रहा है।  मोदी के प्रधानमंत्री बनने से क्या देश में लोगों की जिंदगी में बदलाव हुआ या नहीं।  इस राय में कांटे की टक्कर दिख रही है।  41 फीसदी ने माना कि उनकी जिंदगी बदली है जबकि 42 फीसदी लोगों की राय है कि उनकी जिंदगी में कोई बदलाव नहीं हुआ है।  मोदी सरकार सवा साल में अपने वायदे पर खरे उतरे या नहीं इस पर एबीपी न्यूज-नीलसन ने देश की जनता का मूड जानने की कोशिश की है। 

एबीपी न्यूज- नीलसन सर्वे के मुताबिक मोदी सरकार का जलवा बरकरार है। अभी देश में लोकसभा के चुनाव होते हैं तो नरेन्द्र मोदी की जीत होगी लेकिन उनके वोठ पिछले चुनाव की तुलना में घट रहें हैं। अगर फिर से चुनाव होते हैं तो 52 फीसदी लोग एनडीए को वोट देंगे जबकि 17 फीसदी लोग यूपीए को वोट देने का इरादा जाहिर किया है । पिछले चुनाव की चुनाव में एनडीए का वोट 10 फीसदी घटने के संकेत मिल रहें हैं जबकि यूपीए के 13 फीसदी वोट बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।

वोटरों से पूछा गया कि जब से नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं क्या आपकी जिंदगी में बदलाव हुआ है। 41 फीसदी लोगों ने माना है कि उनकी जिंदगी में बदलाव हुआ है, 15 फीसदी ने कहा है कि उनकी जिंदगी बदतर हो गई है जबकि 42 फीसदी लोगों की राय है कि मोदी राज में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

नरेन्द्र मोदी चुनाव के दौरान देश से भ्रष्ट्राचार खत्म करने का वादा किया था। जब वोटरों से सवाल किया गया कि क्या नरेन्द्र मोदी ने अपना वादा पूरा किया तो 37 फीसदी लोगों का कहना है कि नरेन्द्र मोदी ने वादा पूरा किया जबकि इसके विपरीत 59 फीसदी लोगों की राय है कि उन्होंने भ्रष्ट्राचार खत्म करने का वादा पूरा नहीं किया। 

भ्रष्ट्राचार ही नहीं बल्कि महंगाई कम नहीं होने से जनता परेशान है। मोदी ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि वो जरूरत चीजों की कीमत को काबू करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 31 फीसदी लोगों की राय है कि मोदी सरकार ने महंगाई कम करने में सफल हुए जबकि लगभग दोगुना लोग यानि 67 फीसदी लोगों की राय है मोदी सरकार महंगाई कम करने में फेल हो गये।

जब वोटरों से ये सवाल किया गया कि भष्ट्राचार को खत्म करने की मोदी की मुहिम कमजोर हो गई क्योंकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफा नहीं मांगा गया। 43 फीसदी लोगों की राय है भ्रष्ट्राचार पर मोदी की मुहिम कमजोर हुई है जबकि 40 फीसदी लोगों की राय है कि उनकी मुहिम कमजोर नहीं हुई है।