नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरूवार को लोकसभा में बताया कि भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) छह से सात माह में सभी वकीलों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन करा लेगी और फर्जी वकीलों की पहचान कर ली जाएगी।
विधि एवं न्याय मंत्री डी वी सदानन्द गौड़ा ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि फर्जी वकीलों अथवा राज्यों की विधिज्ञ परिषदों से सम्बद्धता के बावजूद वकालत नहीं करने वालों की धरपकड़ के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया सर्टिफिकेट एंड प्लेस ऑफ प्रैक्टिस (वेरिफिकेशन) रूल्स 2015 बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि बीसीआई ने वकीलों के प्रमाण पत्रों की असलियत का पता लगाने के लिए 2015 की इस नियमावली के तहत समितियों का गठन किया है। छह से सात माह में सम्पूर्ण सत्यापन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तथा फर्जी वकीलों की पहचान कर ली जाएगी।
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