मुंबई: भारत की सोने की मांग अप्रैल-जून 2015 की तिमाही के दौरान 25 प्रतिशत घटकर 154.5 टन रही और ऐसा पहली तिमाही में बेमौसम बारिश से फसल खराब होने और शादी के मुहूर्त कम होने के कारण हुआ। यह बात विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने कही। डब्ल्यूजीसी ने 2015 की दूसरी तिमाही में सोने की मांग से जुड़ी रपट में कहा कि साल 2014 की दूसरी तिमाही के दौरान मांग 204.9 टन रही।

समीक्षाधीन तिमाही में मूल्य के लिहाज से सोने की मांग 26 प्रतिशत घटकर 37,590.2 करोड़ रुपए जो 2014 की दूसरी तिमाही में 50,778.1 करोड़ रुपए थी। डब्ल्यूजीसी के भारतीय परिचालन के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर का कहना है  ‘‘भारत में शेयर बाजार में तेजी के बीच अप्रैल से जून की अवधि में उपभोक्ता मांग 25 प्रतिशत गिरकर 154 टन रही जबकि पहली तिमाही बेमौसम बारिश से प्रभावित रही जिससे फसलों को नुकसान हुआ।’’ उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मांग में गिरावट के कारण दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों के छोटे जौहरी प्रभावित हुए।

सोमसुंदरम ने कहा कि हालांकि, अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों के दौरान मांग बहुत अधिक रही लेकिन लोगों ने मानसून कमजोर होने की आशंका के मद्देनजर सतर्क रख अपनाया। समीक्षाधीन अवधि में कुल जेवरात की मांग 23 प्रतिशत घटकर 118 टन रही जो पिछले साल की इसी तिमाही में 15.26 टन थी। मूल्य के लिहाज से जेवरात की मांग 24 प्रतिशत घटकर 28,703 करोड़ रुपए रही जो 2014 की इसी तिमाही में 37,703 करोड़ रुपए थी। इसी तरह निवेश के तौर पर सोने की मांग भी 30 प्रतिशत घटकर 36.5 टन रही जो 2014 की दूसरी तिमाही में 52.3 टन थी।

मूल्य के लिहाज से निवेश के तौर पर सोने की मांग 31 प्रतिशत घटकर 8,887.2 करोड़ रुपए रही जो पिछले साल की इसी अवधि में 12,971.1 करोड़ रुपए थी। भारत में 2015 की दूसरी तिमाही के दौरान 24 टन पुराने सोने का दोबारा उपयोग हुआ जो 2014 की दूसरी तिमाही में 22.5 टन था। सोमसुंदरम ने कहा कि आने वाले दिनों में देश के ज्यादातर भागों में अच्छी बारिश हुइ जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी। पूरे साल के लिए सोने की मांग 900-1,000 टन के दायरे में रह सकती है।

उन्होंने कहा ‘‘साल की शेष अवधि के लिए हमारी उम्मीद है कि कई वजहों से मांग बढ़ेगी। आने वाले शादी और त्योहारी मौसम में भारतीय जेवरात बाजार बेहतर रहने की संभावना और पिछले कुछ सप्ताह में मांग में तेजी दर्ज हुई क्योंकि भारतीय उपभोक्ता सोने के मूल्य में नरमी का फायदा उठा रहे हैं।’’ इस साल पिछली दो तिमाहियों के दौरान आयात के संबंध में उन्होंने कहा कि इस साल दूसरी तिमाही के दौरान यह पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 25-30 प्रतिशत अधिक रहा। पिछले साल की दो तिमाहियों में सोने की मांग 436 टन रही।