नयी दिल्ली : उद्योगपतियों के संगठन एसोचैम ने आज कहा कि कालेधन पर नया कानून करदाताओं में घबराहट और भ्रम पैदा कर रहा है। उद्योग मंडल ने सरकार से व्यापक परामर्श के साथ इस कानून में आवश्यक बदलाव लाने की अपील की है।

एसोचैम ने कहा, विभिन्न वर्गों के करदाताओं के साथ व्यापक विचार विमर्श के आधार पर हमने पाया कि कुछ मामलों में लोग असावधानीवश इस कानून का अनुपालन नहीं करने पर सामने आने वाले नतीजों को लेकर बहुत अधिक घबराए हुए हैं। उद्योग मंडल ने कहा कि भले ही वित्त मंत्रालय ने परिचर्चा सत्रों के जरिए लोगों को इस कानून के बारे में शिक्षित करने की कवायद शुरू की है लेकिन यह लोगों में सहज स्थिति पैदा करने में वह समर्थ नहीं रहा है।

उद्योग मंडल का कहना है, ऐसा माना जा रहा है कि अनुपालन खिड़की बंद होते ही कर अधिकारी आसपास नजर आने लगेंगे। ऐसे में इस तरह से व्यवसायिक परिवेश दबाव मुक्त नहीं बन पायेगा। एसोचैम महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, भारतीय व्यवसायियों, पेशेवरों, यात्रा पर रहने वालों और प्रवासी भारतीयों का अब बाकी दुनिया के साथ इतना अधिक जुड़ाव हो गया है कि किसी भी मामले में करदाता की तरफ कहीं कोई छोटी सी गलती होने पर भी कानून के लिहाज से उसे गलत समझा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि कर प्रशासन की तरफ से इस बारे में कहीं कोई आश्वासन नहीं दिया गया है कि नासमझी में होने वाली गलती पर उसे गंभीरता से नहीं लिया जायेगा और करदाता के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई नहीं होगी। यह वास्तव में चिंताजनक है। यदि जरूरत पड़ती है तो इस बारे में कानून में संशोधन किया जाना चाहिये।