नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोगों से अधिक से अधिक बचत करने की आदत डालने की अपील की है। जेटली ने यूनानी अर्थव्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि अगर बचत पर गंभीरतापूर्वक ध्यान नहीं दिया गया तो भारत में भी यूनान जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। पहले भारतीय लागत लेखा सेवा दिवस समारोह को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि यूनान में हाल ही में जो कुछ हुआ वह दरअसल इस बात का सीधा परिणाम था कि सरकारों ने अपने साधनों के दायरे में ‘न रहने का’ फैसला किया था।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राजकोषीय समेकन की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि सरकारों के कुशल व्यय प्रबंधन में नाकाम रहने पर यूनान जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। जेटली ने कहा कि राजकोष, सरकार का धन आखिरकार जनता का धन है और यह धन पावन है। पावन इस वजह से है कि सरकारों को अपने साधनों के दायरे में रहने का अनुशासन सीखना होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि एक-दूसरे से जुड़ी इस दुनिया में यदि सरकारें अपने साधनों के दायरे में नहीं रह सकीं तो इसके बहुत सारे प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं। मंत्री ने कहा कि राजकोषीय अनुशासन पर कायम रहने और राजकोषीय समेकन का पालन करने का एक ही रास्ता है कि या तो आप ज्यादा कमाएं या कम खर्च करें।
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