लखनऊ:  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने आज सपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उ0प्र0 की अखिलेश सरकार भ्रष्टाचार की संरक्षक के तौर पर जानी जायेगी।

भाजपा अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार के मुखिया अखिलेश यादव पर संवैधानिक व्यवस्थाओं और परम्पराओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया में उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश व नेता प्रतिपक्ष को न शामिल करना संवैधानिक व्यवस्था का मजाक उड़ाना है। उन्होंने सरकार के मुखिया से कई सवाल पूछे ।  

1.लोकपाल अधिनियम 1975 के प्राविधान जिसमें लोकपाल की नियुक्ति में मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष तथा उच्चन्यायालय के मुख्य न्यायधीश तीन लोगों की समिति को अधिकृत किया गया है। उस प्राविधान का उलंघन की मंशा का कारण क्या हैं ?

2.उ0प्र0 सरकार महामहिम राज्यपाल को लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए बनाये गये पैनल व उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश तथा नेता प्रतिपक्ष से इस सम्बन्ध में हुए पत्रचार या विर्मश की जानकारी क्यों नहीं देना चाहती है ?

3.भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच व अंकुश लगाने वाली संवैधानिक संस्था लोकपाल के पद पर आने रिश्तेदार की ही नियुक्ति को लेकर इतन हठ क्यों ?

4.लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए संवैधानिक परम्पराओं को बलाए ताक क्यों रख दिया ? सरकार के मुखिया जबाव दें ?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति संवैधानिक व्यवस्था व परम्परा की अवहेलना करते हुए जिस तरह प्रदेश के संवैधानिक मुखिया श्री राज्यपाल को बार-बार अपने चहेते नाम का प्रस्ताव प्रदेश सरकार कर रही है उसने सारी बेशर्मी की हदे पार कर दी है। भ्रष्टाचार के संरक्षण व बचाव में खड़ी सरकार का सत्ता में रहने का नैतिक बल समाप्त हो गया है।