नई दिल्ली। मानसून में तेजी आने के बीच आगे महंगाई बढ़ने के खतरे को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखा है, जिससे कार और घर के सस्ते ऋण के लिए अभी और इंतजार करना होगा।

रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक ऋण एवं मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करते हुए अल्पकालिक ऋण दरों को यथावत बनाये रखने का ऎलान किया। रेपो दर 7.25 फीसदी, रिवर्स रेपो दर 6.25 प्रतिशत, बैंक दर 8.25 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर 8.25 प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) चार प्रतिशत और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) 21.5 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है।

राजन ने कहा कि इस वर्ष जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई लगातार दूसरे महीने बढ़ते हुये नौ माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी है। खाद्य और ईंधन समूह को छोड़कर सभी समूह की खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि जून में मानसून के दौरान बारिश में कुछ कमी रही थी, लेकिन जुलाई में स्थिति सुधरी है, जिससे मानसून के औसत से कम रहने की आशंका कम हुई है।

उल्लेखनीय है कि बाजार अध्ययन करने वाले संगठनों, बैंकरों और अर्थशास्त्रियोें ने तत्काल ब्याज दरों में कमी किये जाने की संभावना से इनकार किया था और कहा था कि महंगाई बढ़ने के खतरे के मद्देनजर केन्द्रीय बैंक ब्याज दरों को यथावत बनाये रख सकता है जबकि उद्योग संगठनों ने खुदरा महंगाई के रिजर्व बैंक के लक्ष्य के भीतर रहने के मद्देनजर विकास को गति देने के लिए ब्याज दरों में कमी करने का आग्रह किया था।