कितना रोचक है न, सूचकांकों की दुनिया और मानकों के बारे में प्रयास करना और विस्तार से जानकारी देना वह भी उन लोगों को जो कि गैर वित्तीय पृष्ठभूमि से हो, ऐसी स्थिति में यह काम एक चुनौती बन जाता है। जहां तक मेरा सवाल है, यह विचारणीय है कि मैं किसे प्राथमिकता देती हूं एक सामान्य जानकारी और सामान्य ज्ञान ही केवल पर्याप्त नहीं होता। आम सवाल यह है कि ‘‘मानक (बेंचमार्क) क्या होता है?‘‘ ‘‘ इसकी हमें क्या आवश्यकता है?‘‘ और इनमें से ‘‘आप किसे सही मान कर चुनंेंगे?‘‘
मैने इस पर विचार किया और इसकी सामान्य समझ के सरलीकरण का प्रयास किया। मानक या बैंचमार्क एक आदर्श तुलनात्मक मापदण्ड होता है जो किसी भी मानदण्ड या नियम के अनुसार होता है और इसका प्रयोग सम्बन्धित बाजार क्षेत्र या सेगमेंट के बारे में समझने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए एस एण्डपी, बीएसई, सेन्सेक्स को भारतीय बाजारों का ‘‘बेरो मीटर‘‘ कहा जा सकता है। इसलिए जब कोई इस बात को समझ लेता है कि क्या भारतीय बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और सूचकांक की गति पर आधारित नहीं है, एस एण्ड पी बीएसई सेन्सेक्स विकास प्रतिशत हमें भारतीय इक्विटी बजारों के बारे में नियतकालिक स्टेटिक्स की जानकारी देते हैं।
स्रोत: एशिया इण्डेक्स प्राइवेट लिमिटेड, 28 फरवरी, 2015 के आंकडों के अनुसार, चार्ट और टेबल्स केवल निर्दर्शी प्रायोजनार्थ
लेकिन क्या यह सूचकांक सभी तुलनात्मक विशलेषणों के लिए सही माने जा सकते हैं? जवाब होगा नही!, यदि एक इसे कोई ध्यान से चेक करना चाहे कि भारतीय बाजार में कम्पनियों की बुनियादी सुविधाएं क्या है, एस एण्ड पी बीएसई सेन्सेक्स को एक आदर्श मापदण्ड नही माना जा सकता, क्यों कि यह एक सामान्य है और कुल बाजार का संकेतक। कोई यदि सूचकांक की समीक्षा करना चाहता है तो सभी बुनियादी कम्परियों का एक प्रस्तुतिकरण हो सकता है, जैसे एस एण्ड पी बीएसई इन्फ्रास्ट्रक्चर सूचकांक।
स्रोत: एशिया इण्डेक्स प्राइवेट लिमिटेड, 28 फरवरी, 2015 के आंकडों के अनुसार, चार्ट और टेबल्स केवल निर्दर्शी प्रायोजनार्थ
देखिए कुछ बेंचमार्क या इण्डेक्स को तैयार करने के लिए एक आदर्श मेजरिंग टूल्स उस सेगमेंट के साथ जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं? सूचकांक सख्त नियमों के अनुसार बनाया जाता है। यह नियम बाजार की गतिशीलता और इस क्षेत्र की स्थिरता के लिए उपयुक्त होती है जिनका यह प्रतिनिधित्व करती है। उदाहरण के लिए जो नियम अमेरिका में लागू होते हैं, जरूरी नहीं हैं कि वही नियम दक्षिणी अफ्रीका क्षेत्र के लिए भी लागू हों। यह सच है कि क्षेत्रों के अनुसार भी यदि हम दक्षिणी एशिया की ओर देखें तो उदाहरण के लिए श्रीलंका के बाजार बड़े रूप से अलग होते है जो कि बांग्लादेश के लिए हो। इसलिए जब नियम बनाए जाते है उस समय हमें बाजार की परिपक्वता और गहराई पर ध्यान देना जरूरी होता है। इसके अतिरिक्त बाजार परामर्श भी बैंचमार्क सुनिश्चित करने के लिए लाभकारी होती है और बाजार भागीदारी के लिए उचित होती है। यह भी महत्वपूर्ण है कि उपयुक्त बेंचमार्को के बीच में तुलना किया जाना भी जरूरी है।, जैसा कि उपर कहा गया है हमं ‘‘एपल्स टू एपल्स‘‘ की तुलना करनी चाहिए कि इनमें से कौन सा बेहतर है।
इसी प्रकार निवेश के लिए, तुलना समतुल्य इण्डेक्स बैंचमार्क से की जानी चाहिए, निवेशकों को चाहिए कि वे अपने पोर्टफोलियो के प्रदर्शन या बाजार स्तर पर तुलनात्मक निवेश जरूरी है। इसलिए यदि मैं एक इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड में निवेश कर रही हूं, वह सामान्य बाजार के स्थान पर एक ऐसे बाजार के बैंचमार्क, अर्थ, एक इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्डक्स से तुलनात्मक फण्ड के लिए एक आदर्श होना चाहिए
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