नई दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर देश में छाए शोक के माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ‘राष्ट्र-रत्न’ बताया और कहा कि उन्हें सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि यह होगी कि देश के लिए उनके द्वारा देखे गए सपनों को साकार किया जाए।

भाजपा संसदीय दल की बैठक में कलाम के निधन पर शोक जाहिर करते हुए मोदी ने उन्हें ‘असाधारण शख्सियत वाला ऐसा साधारण व्यक्ति’’ बताया, जिसने अपने द्वारा संभाले गए हर पद पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कलाम पहले ‘राष्ट्र-रत्न’ हैं और उसके बाद ‘राष्ट्रपति’। प्रधानमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति कलाम के शुरूआती जीवन को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन दिखाता है कि एक व्यक्ति क्या कुछ हासिल कर सकता है।

मोदी ने शोक संदेश में कहा, ‘एक दुर्लभ चमकदार रत्न आज खो गया। उन्होंने बचपन में अखबार बेचे और आज दुनिया भर के अखबार उनसे जुड़ी खबरों से अटे पड़े हैं। वह विविध कौशलों से संपन्न एक दुर्लभ रत्न थे। भारत माता का एक प्यारा बेटा अब हमारे बीच नहीं है। हमने बहुत कुछ खोया है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कलाम को सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि यह होगी कि जो सपने उन्होंने देश के लिए देखे थे, उन्हें साकार करने की दिशा में काम किया जाए। कलाम गरीबी मिटाने और धर्म को अध्यात्मिकता में बदलने को विश्व की समस्याओं का हल मानते थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कलाम ने बड़े-बड़े पदों पर काम किया लेकिन उन्होंने हमेशा खुद को एक अध्यापक कहकर पुकारा। राष्ट्रपति पद छोड़ने के तत्काल बाद उन्होंने अध्यापन शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी अंतिम सांस भी शिलांग में छात्रों के बीच ली। पूर्व राष्ट्रपति का मूल संबंध तमिलनाडु से होने का संदर्भ देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार भाषा एक बाधा के रूप में काम करती है लेकिन यह कलाम के व्यक्तित्व की खासियत थी कि किसी को भी उनके साथ यह बाधा महसूस नहीं हुई।

‘ऐसा इसलिए था, क्योंकि उनके शब्द नहीं बल्कि उनका व्यक्तित्व बोलता था। वह एक साधारण व्यक्ति थे लेकिन उनकी शख्सियत असाधारण थी। यह एक दुर्लभ मेल है। वह जीवन में विभिन्न मंजिलों पर पहुंचे, वहां अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और फिर आगे बढ़ गए। यह कहना बहुत आसान है कि मैं एक अध्यापक हूं। लेकिन उन्होंने यह बात तब कही, जब वह राष्ट्रपति बन गए और उन्होंने यह बात तब कही, जब वह एक शीर्ष स्तर के वैज्ञानिक थे और उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया था।’ अध्यापन के प्रति कलाम के समर्पण और आईआईएम शिलांग में लेक्चर देते हुए उनके निधन को याद करते हुए मोदी ने कहा, ‘उन्होंने राष्ट्रपति पद छोड़ने के अगले ही दिन दक्षिण भारत के एक कॉलेज में पढ़ाना शुरू कर दिया था। बिल्कुल अगले ही दिन.. चहेरे पर वही मुस्कान लिए।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘उनका जीवन हमें और नई पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहे।’ भाजपा प्रमुख अमित शाह ने याद किया कि किस तरह कलाम राष्ट्रपति होने के बावजूद अपना समय लोगों के बीच बिताते थे। उन्होंने कहा कि कलाम ने इस बात का एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया कि एक संवैधानिक पद पर रहते हुए किस तरह से योगदान दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद से हटने के बाद भी कलाम देश के विकास के लिए युवाओं और वैज्ञानिकों के बीच काम करते रहे।