नई दिल्ली: कोरोना लॉकडाउन के चलते रोजगार गंवाने वालों को उनके घर के पास ही रोजगार मुहैया कराने के लिए शुरू की गई योजना से लोगों को बड़ी उम्मीदें थी, लेकिन इसका लाभ मुट्ठीभर लोगों को ही मिला है. कौशल विकास मंत्रालय की इस योजना के तहत 24 लाख से अधिक लोगों ने रोजगार के लिए आवेदन किया जिनमें से महज 5000 को ही रोजगार मिल सका.

48000 नौकरियां
सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय द्वारा श्रम मामलों की संसद की स्थायी समिति को जानकारी दी गई कि इन 24 लाख लोगों में से केवल 2.1 लाख संबंधित काम के हिसाब से कुशल पाए गए, लेकिन 48000 नौकरियां उपलब्ध होने के बावजूद केवल 5000 को ही काम मिला. बीजद के भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली समिति को बताया गया कि आवेदकों के कौशल के अनुरूप कम वेतन की पेशकश, मानक अनुरूप कौशल नहीं होने और रोजगार से पहले किसी सुदूरवर्ती क्षेत्र में प्रशिक्षण की शर्त के चलते इतने कम लोगों को रोजगार मिला.

श्रमिकों की वापसी की उम्मीद
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को हुई बैठक में कौशल विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सरकार मान रही है कि घर लौट चुके श्रमिकों में से अधिकांश जल्द ही काम के स्थानों पर वापस लौट आएंगे. हालांकि ,मौजूदा संक्रमण और रोजगार की स्थिति को देखते हुए समिति के कुछ सदस्यों इसे मानने से इनकार किया.

जुलाई में पोर्टल हुआ था लांच
कौशल विकास मंत्रालय के तहत काम करने वाले राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने आत्मनिर्भर स्किल्ड एम्प्लायर एम्प्लॉई मैपिंग (असीम) पोर्टल को देशभर के उन 116 जिलों के लिए शुरू किया गया था जिनमें 25000 से अधिक श्रमिक लॉकडाउन के चलते अपने घर वापस लौट आए थे. आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस पर आधारिक इस पोर्टल में नियोक्ताओं, कुशल कामगारों और प्रशिक्षण देने वाले साझीदारों को एक साथ जोड़ा गया. अप्रैल में तैयार इस पोर्टल को जुलाई में विधिवत रूप से लॉन्च किया गया था. साथ ही रोजगार का आवेदन करने के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन भी शुरू किया गया. जिसे 10000 से अधिक बार डाउनलोड किया गया है.