यरूशलम : इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा कि विश्व के प्रमुख देशों और ईरान के बीच मंगलवार को हुआ परमाणु समझौता ‘विश्व के लिए एक ऐतिहासिक गलती है।’ उन्होंने कहा कि वह तेहरान के परमाणु मंसूबों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का आदेश देने के लिए प्रतिबद्ध बने हुए हैं।

बेंजामिन के कार्यालय के अनुसार बेंजामिन ने हालैंड के विदेश मंत्री बर्ट कोएंडर्स के साथ बैठक शुरू करने से पहले कहा, ‘‘उस प्रत्येक क्षेत्र में जिसमें ईरान को परमाणु हथियार क्षमता हासिल करने से रोकना अपेक्षित था, बड़ा समझौता किया गया।’’ उन्होंने कहा कि यह उस चाहत का नतीजा है कि किसी भी कीमत पर समझौते पर पहुंचा जाये।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ईरान के साथ बातचीत कर रही ताकतें..अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन एवं जर्मनी ने ईरान को उन क्षेत्रों में बड़ी रियायतें दी हैं जो ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने से संबंधित हैं।

उन्होंने काह कि ईरान के लिए परमाणु हथियार हासिल करने का मार्ग सुनिश्चित हो गया है।

नेतान्याहू लंबे समय से ईरान से किसी समझौते का विरोध कर रहे हैं और इस्राइल ने संकेत दिया है कि यदि ईरान को परमाणु हथियार क्षमता हासिल करने से रोकने के लिए जरूरी हुआ तो वह सैन्य कार्रवाई भी कर सकता है।

नेतान्याहू अपना यह अभियान अमेरिकी कांग्रेस और संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी लेकर गए लेकिन अंतत: समझौता रोकने में असफल रहे।

उन्होंने पश्चिमी देशों द्वारा ईरान के तेल और बैंकिंग क्षेत्रों पर लगे प्रतिबंध अपेक्षित रूप से हटाने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ईरान को सैंकडों अरब डालर मिलेंगे जिससे वह अपने आंतकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने में सफल होगा।’’ बीस से अधिक माह तक चली लंबी बात के बाद अमेरिका के नेतृत्व में तथाकथित पी5प्लस वन देशों का ईरान के साथ समझौता हो गया है।