बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से सोमवार को अगवा किए गए चार पुलिसकर्मियों के शव बुधवार को मिले। जिस जगह से उनका अपहरण किया गया था, वहां से पांच किलोमीटर दूर उनके शव मिले। शवों को सड़क पर फेंक दिया गया। माओवादियों ने साथ ही एक पत्र भी रखा, जिसमें लिखा कि इन्होंने नक्सल विरोधी अभियान में हिस्सा लिया जिसके चलते इन्हें सजा दी गई।
गौरतलब है कि माओवादियों ने बेदरे और कुटरू थाने में तैनात चार जवानों जयदेव यादव, राजू तेला, मंगल सोड़ी और रामा मंजी को बंदूक के दम पर अगवा कर लिया था।इनमें से दो पुलिसकर्मी बस में सवार थे जबकि दो बाइक पर जा रहे थे। पुलिस ने बताया कि जवानों की हत्या धारदार हथियारों से की गई है।
मारे गए चारों जवान नक्सल विरोधी अभियान से जुड़े हुए थे। वहीं पिछले सप्ताह सुकमा जिले में अगवा किए गए एक जवान का अभी तक कोई पता नहीं चला है। मंगलवार को जवानों के परिजनों ने गुहार लगाई थी कि उन्हें छोड़ दिया जाए वे सरकारी नौकरी छोड़ देंगे। साथ ही छात्रों ने रैली निकालकर जवानों को छोड़ने की अपील की थी।
पिछले कुछ सालों में नक्सलियों द्वारा पुलिसकर्मियों को अगवा कर मारने का यह इकलौता मामला है। इससे पहले 2010 में बीजापुर जिले में ही नक्सलियों ने पांच पुलिसकर्मियों को अगवा कर लिया था। इनमें से चार को छोड़ दिया गया था जबकि एक की हत्या कर दी गई थी।
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