लखनऊ। अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर पर दुष्कर्म मामले में  आज सीजेएम कोर्ट लखनऊ के सामने पीडि़ता का बयान दर्ज हुआ। आइजी लोक शिकायत मुथा अशोक जैन ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि पीडि़त महिला का न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 के तहत बयान दर्ज करा दिया गया है। इसके बाद अगली कार्रवाई होगी।  

पीडि़त महिला का आरोप है कि मैं 31 दिसंबर 2014 को अमिताभ के गोमतीनगर आवास पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तौर पर नियुक्त हुई। पहले ही दिन ठाकुर ने छेड़छाड़ और दुष्कर्म किया। उसी दिन गोमतीनगर थाना में गयी लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। मैंने इंसाफ की उम्मीद में महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया लेकिन वहां प्रार्थना पत्र और बयान लेने के बाद कार्रवाई नहीं हुई। पत्रकारों के सहयोग से कुछ दिनों बाद गोमतीनगर थाना में मेरा प्रार्थना पत्र लेकर एक पीली पर्ची दे दी गयी परंतु रसूखदार पुलिस अधिकारी के आरोपी होने से कार्रवाई की बजाय मुझे धमकी मिलने लगी। तब मैं एक संस्था ताहिरा के संपर्क में आयी और उस संस्था ने राज्यपाल को दस मार्च 2015 को एक प्रार्थना पत्र दिया जिस पर सरकार को मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया गया। चार माह से ज्यादा समय तक राज्यपाल के आदेश के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। इसी बीच 20 जुलाई को नूतन और अमिताभ द्वारा मेरे व मेरे पति के खिलाफ गोमतीनगर थाने में एक अभियोग पंजीकृत कराया गया जिसमें मेरे साथ कई बड़े नेताओं का नाम जोड़ दिया गया। इसकी जानकारी नौ जुलाई को अखबार के जरिये होने पर मैंने डीजीपी कार्यालय में धरना दिया। राज्यपाल के आदेश और पत्रकारों के सहयोग से पुलिस ने मेरा मुकदमा दर्ज किया।

दूसरी ओर डीजीपी जगमोहन यादव आज सिविल डिफेंस के कार्यालय पहुंचे और वहां छानबीन की। सिविल डिफेंस के दफ्तर में पहुंचे डीजीपी जगमोहन यादव और डीजी सिविल डिफेंस कमलेन्द्र प्रसाद की करीब 20 मिनट की मुलाकात के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। अमिताभ ने अपने डीजी के खिलाफ भी मोर्चा खोला था। यद्यपि इस मुलाकात का कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया गया है लेकिन विभागीय सूत्रों का कहना है कि महकमे से निलंबित आइजी से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज लिये गए हैं जो उनके लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।