भोपाल: मध्‍य प्रदेश में व्यापमं (व्‍यावसायिक परीक्षा मंडल) मामले में चारों ओर से दबाव के बीच मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश किए जाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को इस्‍तीफे की संभावना से इनकार कर दिया और कहा कि उन्‍हें पार्टी नेतृत्‍व और अपने सहयोगियों का पूरा समर्थन है।

एक न्‍यूज चैनल से बातचीत में चौहान ने कहा कि मैं इस मामले में निष्‍पक्ष जांच से संतुष्‍ट हूं और मेरे इस्‍तीफे का कोई सवाल ही नहीं उठता है। मेरी पार्टी ने मुझे समर्थन दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी का मुझ पर पूरा विश्‍वास है। मुझे पीएम मोदी, पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह और पार्टी नेतृत्‍व पर पूरा गर्व है। गौर हो कि शिवराज ने मंगलवार को अपने पुराने रुख से पलटते हुए इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से तफ्तीश कराने की मंजूरी मांगने का फैसला किया और इसी दिन उच्चतम न्यायालय ने इस संबंध में याचिकाओं पर सुनवाई करने की सहमति जताई।

उधर, सभी की निगाहें अब राज्‍य की हाईकोर्ट पर टिकी हैं, जहां से इस घोटाले में सीबीआई जांच का आदेश दिया जाना है। व्यापमं घोटाले में मध्य प्रदेश सरकार की याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है। इस मामले में लगातार हो रही मौतों के बाद हाईकोर्ट आज सीबीआई जांच के आदेश भी दे सकता है। लगातार सीबीआई जांच से इनकार कर रही एमपी सरकार ने कल कोर्ट से सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

मालूम  हो कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन आक्रोश और विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच बहुचर्चित व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने संबंधी अनुरोध हाईकोर्ट से करने की घोषणा से कुछ घंटे बाद ही राज्य सरकार ने मंगलवार को तत्संबंधी अनुरोध पत्र जबलपुर में उच्च न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया। व्यापमं घोटाले से जुड़े लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौतों के बाद भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हाईकोर्ट की निगरानी में चल रही एसआईटी जांच का हवाला देकर बचने की कोशिश आखिरकार बेकार गई। विपक्ष के साथ ही पार्टी में भी इस मसले पर बने दबाव के चलते शिवराज को अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए मजबूर होना पड़ा।