मुख्यमंत्री से दलित इण्डियन चैम्बर्स आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज़ के प्रतिनिधिमण्डल ने की मुलाकात

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के माध्यम से रोज़गार के सर्वाधिक अवसर प्राप्त होते हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तरक्की के लिए इस सेक्टर के उद्योगों की बेहतरी के लिए वर्तमान राज्य सरकार गम्भीरता से काम कर रही है। नीतियां बनाकर इस सेक्टर के उद्यमियों को हर सम्भव मदद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन हेतु आवश्यकतानुसार निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में सभी वर्गों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

मुख्यमंत्री आज अपने सरकारी आवास पर मिलिन्द काम्बली के नेतृत्व में आए दलित इण्डियन चैम्बर्स आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज़ के प्रतिनिधिमण्डल से मिलने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। समाजवादी सरकार गांव, ग़रीब एवं किसान की तरक्की के लिए नीतियां बनाने एवं उनको लागू करने के लिए शुरु से काम कर रही है। राज्य सरकार सभी क्षेत्रों तथा वर्गाें का बिना किसी भेद-भाव के विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए प्रदेश में ज़रूरी बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली, पानी, चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ उच्च कोटि के संस्थानों का निर्माण कराया जा रहा है। नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के त्वरित विकास के लिए लखनऊ मेट्रो रेल तथा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। 

इस मौके पर श्री काम्बली ने कहा कि सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग प्रदेश की विकास दर को आगे बढ़ाने में काफी मददगार साबित होते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के औद्योगीकरण के लिए सराहनीय काम कर रही है। उन्होंने आग्रह किया कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक स्तर के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बनाए गई नीतियों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को विशेष रूप से प्रोत्साहित करने के लिए व्यवस्था की जाए ताकि इन वर्गाें के उद्यमियों को वित्तीय एवं अन्य प्रकार की सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि संस्था में उत्तर प्रदेश से लगभग 200 उद्यमी सदस्य शामिल हैं।