नई दिल्ली : वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने शनिवार को दावा किया कि वह लंदन में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से मिले थे। जेठमलानी के मुताबिक दाऊद ने उनसे कहा था कि वह भारत लौटना चाहता है।

समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में जेठमलानी ने एक समाचार पत्र की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया है कि वह लंदन में दाऊद के करीबी सहयोगी छोटा शकील से मिले थे।

वरिष्ठ वकील ने कहा कि दाऊद ने भारतीय अधिकारियों के समक्ष समर्पण करने की पेशकश की थी लेकिन महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने उसकी यह पेशकश ठुकरा दी थी।

जेठमलानी ने हालांकि कहा कि दाऊद के प्रस्ताव को ना कहने का फैसला केवल पवार का नहीं थी बल्कि उस समय की केंद्र सरकार भी दाऊद की इस पेशकश पर राजी नहीं थी।

दाऊद के साथ अपनी मुलाकात को याद करते हुए जेठमलानी ने कहा कि अंडरवर्ल्ड सरगना भारत आने के लिए तैयार था और वह चाहता था कि मामले की सुनवाई के दौरान उसे नजरबंद रखा जाए। उसे आशंका थी कि जेल में उस पर हमला हो सकता है।

जेठमलानी के मुताबिक दाऊद ने उन्हें बताया था कि वह 1993 के सिलसिलेवार मुम्बई बम धमाकों में शामिल नहीं है। वह चाहता था कि भारत आने पर पूछताछ के दौरान उस पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल न किया जाए।

जेठमलानी का यह बयान छोटा शकील के उस दावे के बाद आया है जिसमें शकील ने कहा है कि मुम्बई बम धमाकों के बाद दाऊद भारत लौटना चाहता था और इस बारे में उसने लंदन में राम जेठमलानी से बात की थी।

कराची से समाचार पत्र ‘द टाइम्स आफ इंडिया’ के साथ फोन पर की गई बातचीत में शकील ने दावा किया कि मुम्बई बम धमाकों के बाद दाऊद इब्राहिम ने भारत लौटने की इच्छा जताई थी और यहां तक कि उसने इस बारे में लंदन में वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी से बात भी की थी लेकिन भारत सरकार ने उसकी वापसी से इंकार कर दिया।

शकील ने दाऊद को पकड़ कर भारत लाने के सरकार के दावों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हर बार जब कभी नई सरकार आती है। उनका पहला बयान हमारे बारे में होता है। उसको लेके आएंगे…घुस के लाएंगे…क्या हलवा है? बकरी का बच्चा समझ कर रखा है क्या? लाना है तो उसको (राजन) लाओ ना।’

नरेंद्र मोदी सरकार ने लागातार कहा है कि दाऊद पाकिस्तान में है और दाऊद को वापस लाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। जबकि पाकिस्तान इस बात से इंकार करता आया है कि दाऊद उसके यहां है।