नई दिल्ली : विमान यात्रियों के लिए यह बुरी खबर हो सकती है कि अगर घरेलू विमानन कंपनियों के प्रस्ताव को मान लिया गया तो उन्हें ‘चैक इन’ सामान पर भी शुल्क देना पड़ेगा।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) इस बारे में घरेलू विमानन कंपनियों के एक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इसके तहत हवाई यात्रियों को अपने साथ ले जाए जा रहे हर किलो सामान के लिए शुल्क देना होगा। हालांकि इस प्रस्ताव के तहत उन यात्रियों के लिए किराए के आधार पर प्रोत्साहन दिया जा सकता है जिनके पास कम से कम सामान होगा।
डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महानिदेशालय को इस बारे में स्पाइसजेट, इंडिगो व एयरएशिया से हाल ही में प्रस्ताव मिले थे। इन कंपनियों ने ‘जीरो बैगेज फेयर’ (बिना सामान का किराया) श्रेणी रखने का विचार रखा है जिसमें उस यात्री को टिकट किराये में छूट दी जाएगी जिसके पास किसी तरह का ‘चैक-इन’ सामान नहीं होगा।
हालांकि अन्य विमानन कंपनियां भी इस विचार से सहमति रखती हैं। इस तरह की प्रणाली में यात्री सामान की मौजूदा व्यवस्था समाप्त हो जाएगी जिसमें यात्री को 15 किलो तक चैक इन सामान मुफ्त ले जाने की अनुमति दी जाती है। यानी यात्रियों को अपने साथ ले जाए जाने वाले हर किलो सामान के लिए शुल्क देना होगा।
डीजीसीए ने इसी साल अप्रैल में कंपनियों को सीट, भोजन आदित सुविधाओं के लिए अलग से शुल्क लगाने की अनुमति दी थी।
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