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ललितपुर थर्मल पावर प्लाण्ट से बुन्देलखण्ड का विकास होगा: मुख्यमंत्री

पावर ग्रिड से जुड़ी ललितपुर में स्थापित 660 मेगावाट क्षमता की एक इकाई

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ललितपुर में स्थापित हो रहे (3गुणा 660 मेगावाट) थर्मल पावर प्लाण्ट की 660 मेगावाट क्षमता की एक इकाई के आज (मंगलवार) शाम पावर ग्रिड से जुड़ जाने पर प्रदेश, खासतौर पर बुन्देलखण्ड के लोगों को बधाई देते हुए कहा है कि इस पावर प्लाण्ट के विद्युत उत्पादन से प्रदेश की ऊर्जा व्यवस्था में सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि इससे बुन्देलखण्ड का विकास भी होगा और वहां के लोगों को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के मौके भी मिलेंगे। 

श्री यादव ने बजाज ग्रुप की ललितपुर परियोजना के अंतर्गत विद्युत उत्पादन शुरु हो जाने को ऊर्जा के क्षेत्र में एक उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह इकाई सुपर क्रिटिकल टेक्नोलाॅजी पर आधारित प्रदेश की पहली इकाई है। उन्होंने कहा कि सुपर क्रिटिकल टेक्नोलाॅजी विश्व की आधुनिकतम तकनीक है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से उपभोक्ताओं को कम लागत में बेहतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी और लोगों को विद्युत संकट से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि ललितपुर परियोजना द्वारा उत्पादित शत-प्रतिशत बिजली रेगुलेटेड टैरिफ के आधार पर मिलेगी। 

यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने ललितपुर थर्मल पावर प्लाण्ट की प्रगति की समीक्षा की थी, जिसमें उन्होंने पाया था कि इस पावर प्लाण्ट की स्थापना में विलम्ब हो रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में ललितपुर पावर जनरेशन कम्पनी लिमिटेड के चेयरमैन श्री कुशाग्र बजाज ने उन्हें इस परियोजना की 660 मेगावाट की एक इकाई के शीघ्र ही प्रारम्भ किए जाने का आश्वासन दिया था। 

प्रवक्ता ने बताया कि ललितपुर थर्मल पावर प्लाण्ट प्रदेश की सबसे अधिक मेगावाट क्षमता की परियोजना है, जिसे एम0ओ0यू0 के माध्यम से स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2016 तक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 16 घण्टे तथा नगरीय क्षेत्रों में 22 से 24 घण्टे तक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के लिए प्रतिबद्ध है। 

प्रवक्ता ने कहा कि जनता की बिजली सम्बन्धी जरूरतों को पूरा किए जाने के लिए विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण तंत्र में बड़े पैमाने पर कार्य कराए जा रहे हैं। नई बिजली परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने और बिजली उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भी निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। 

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ग्रामीण इलाकों की विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए विशेष ध्यान दे रही है। इसके तहत तहसीलों में बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए विद्युत सबस्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। अनपरा-डी बिजली परियोजना 500 मेगावाट क्षमता की पहली इकाई तथा 120 मेगावाट क्षमता की एक अन्य इकाई हरदुआगंज में पिछले दिनों आरम्भ कर दी गई है। अनपरा-डी परियोजना की 500 मेगावाट क्षमता की दूसरी इकाई भी शीघ्र शुरू कर दी जाएगी। 

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