नई दिल्ली। इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फ्रीक्वेंसी (ईएमएफ) विकिरण हमारे जीवन की एक हकीकत बन चुकी हैं। ज्यादातर लोग किसी न किसी ईएमएफ विकिरण का रोजाना सामना करते हैं।

लोगों में ये चिंता है कि ईएमएफ विकिरण से कैंसर होता है और उससे थकान, अनिद्रा, सिरदर्द, ध्यान भटकाव, अवसाद, याद्दाश्त की कमी, दृष्टिबाधा, खीझ, सुनने में परेशानी, त्वचा रोग, हृदय रोग या सिर में चक्कर आने जैसी समस्याएं हो जाती हैं लेकिन आज तक इसका कोई स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो ये साबित कर सके कि ईएमएफ विकिरण और मनुष्यों में होने वाली इन बीमारियों में कोई संबंध है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन, एचपीए, एसआरएसए, एजीएनआईआर, एनआईपीएच जैसी संस्थाओं ने कहा है कि ऐसा कोई पक्का सबूत नहीं है जो ईएमएफ और स्वास्थ्य पर उसके पड़ने वालों दुष्प्रभावों के बारे में साफ-साफ बता सके।

विशेषज्ञों का मानना है कि मोबाइल टॉवरों से निकलने वाली इलेक्ट्रो मैग्नेटिक विकिरण में इतनी ऊर्जा नहीं होती कि वो मानव स्वास्थ्य पर कोई विपरीत असर डाल सकें। साथ ही भारत में ईएमएफ विकिरणों के बारे में जो दिशानिर्देश हैं वे अन्य विकसित देशों की तुलना में काफी कठोर हैं। इस मामले में भारतीय मापदंड अमेरिका, कनाडा, जापान और ऑस्ट्रेलिया की तुलना में दस गुणा ज्यादा कठोर हैं।