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विदेशों में विदेशी पंूजी के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं मोदी: दीपंकर भट्टाचार्य

भाकपा माले का दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यशाला प्रारम्भ

लखनऊ । भाकपा माले  के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि हजारों करोड़ रूपए खर्च कर नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार के बारे में बनाया गया मिथ एक वर्ष में ही आम जनता के बीच में ढहने लगा है। पूरे देश में मोदी सरकार की किसान, मजदूर, गरीब, छात्र-नौजवान, महिला विरोधी नीतियों के खिलाफ आक्रोश पैदा हो रहा है। इस स्थिति में जनता के विक्षोभ को संगठित करने के लिए पार्टी को मजबूत और विस्तारित करने के साथ-साथ वाम, जनवादी और लोकतांत्रिक शक्तियों को एकजुट कर व्यापक संघर्ष में उतरना होगा। 

कामरेड दीपंकर भट्टाचार आज यहां कैसरबाग स्थित गांधी प्रेक्षागृह में भाकपा माले के अखिल भारतीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। इस दो दिवसीय कार्यशाला में 23 राज्यों के 200 जिलांे से आए 700 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। अपने सम्बोधन में भाकपा माले के महासचिव ने कहा कि प्रचार के दम पर मोदी सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में तीन मुख्य मिथ गढ़े गए। पहला मिथ यह कि नरेन्द्र मोदी महानायक है। दूसरा यह कि भाजपा बदल रही है और तीसरा यह कि भाजपा ही एक मात्र सच्ची राष्ट्रवादी पार्टी है। लेकिन ये तीनो मिथ एक वर्ष के अंदर जनता के नजर में ढ़हते नजर आ रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा के डीएनए में साम्प्रदायिकता है। वह देश को तहस-नहस करने पर आमादा है। उसके राष्ट्रवाद की ढोंग भी जनता के सामने बेपर्दा हो गया है। प्रधानमंत्री ने एक वर्ष में दो महीने विदेश दौरे में लगाया जिसका एक मात्र उद्देश्य विदेशी पूंजी की मांग करना था। वह देश की कोई विदेश नीति बनाने के लिए विदेशों को दौरा नहीं कर रहे हैं बल्कि वह तो अमेरिकी विदेश नीति का ही अनुसरण कर रहे है। वह भारत में सस्ता श्रम और कार्पोरेट के लिए हर दरवाजे खोल देने की दुहाई देते हुए विदेशी पूंजी के लिए रिरिया रहे हैं। 

कामरेड दीपांकर ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में देश की जनता कार्पोरेट साम्प्रदायिक हमले का सामना कर रही है। इस सरकार में कार्पोरेटवाद और साम्प्रदायिकता के अनुपात को कम-ज्यादा या इसको अलग-अलग करके देखना राजनीतिक गलती होगी। उन्होंने मेक इन इंडिया के नारे के बहाने मोदी सरकार पर कृषि संकट का फायदा उठाकर किसानों, आदिवासियों को खेती से बाहर कर देने और श्रम कानूनों में सुधार के नाम पर बेरोजगारी का फायदा उठाते हुए भारत को सस्ते श्रम वाले देश में बदल देने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार करोड़ों लोगों के शून्य बैलेंस का खाता खोलने का ढिंढोरा पीटती है तो दूसरी तरफ अडानी को साढ़े छह हजार करोड़ का ऋण विदेश में कारोबार के लिए दे देती है। 

इसके पहले आज पूर्वान्ह 11 बजे झंडोत्तोलन और पार्टी के महासचिव, राज्य सचिवों व वरिष्ठ नेताओं द्वारा शहीद वेदी पर माल्यार्पण के साथ अखिल भारतीय कार्यशाला प्रारम्भ हुई। शहीद गान, शहीदों के याद में दो मिनट के मौन के बाद पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य स्वदेश भट्टाचार्य ने स्वागत भाषण करते हुए कार्यशाला की जरूरत को रेखांकित किया। इसके बाद केन्द्रीय कमेटी की सदस्य कविता कृष्णन और धीरेन्द्र झा ने आधार पत्र प्रस्तुत किया जिसमें हालिया राजनैतिक बदलाव, पार्टी के कार्यभार के साथ-साथ पार्टी व जनसंठनों के विस्तार व मजबूती के बारे में विस्तार से बातें कही गई है। इसके बाद सत्रवार इस आधार पत्र पर बहस शुरू हुई जिसमें प्रतिनिधियों ने अपनी  बात रखी। पहले दिन के सत्र का संचालन केन्द्रीय कमेटी के सदस्य कामरेड सलीम ने किया। 

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