लखनऊ : पान मसाल कंपनियां कर चोरी में सबसे आगे हैं। पिछले नौ महीनों में 36 कारोबारियों के यहां वाणिज्य कर विभाग की स्पेशल इंवेस्टीगेशन ब्रांच (एसआईबी) ने छापा मारा। इनमें 13 कंपनियां गुटखा का कारोबार करने वाली हैं। इन कंपनियों में 800 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई। जबकि दो करोड़ रुपये से ज्यादा की पेनाल्टी वसूली गई। एसआईबी की रिपोर्ट पर कर निर्धारण अधिकारी ने टैक्स चोरी की रकम वसूलने के लिए नोटिस जारी कर दिया है।

लखनऊ रेंज की एसआईबी ने 2014-15 के अगस्त से दिसंबर तक 21 फर्मों पर छापा मार टैक्स चोरी पकड़ी। इनमें 9 पान मसाला कंपनियां शामिल थीं। वहीं 2015-16 के जनवरी से अब तक 15 फर्मों पर छापा मारा जा चुका है जिनमें 4 पान मसाला कंपनियों में टैक्स चोरी पकड़ी गई जिसमें विमल व रजनीगंधा शामिल हैं। यानी 13 पान मसाला कंपनियों में पिछले नौ महीनों में टैक्स चोरी पकड़ी गई।

टैक्स चोरी में दूसरे नंबर पर पांच टाइल्स कंपनियां रहीं जो गुजरात से फर्जी बहती से लखनऊ तक माल मंगाती और बेचकर टैक्स खा जाती थीं। इसके अलावा 4 प्लाईवुड कंपनियों में बड़े पैमाने पर वाणिज्य कर चोरी पकड़ी गई। एसआईबी अफसरों के मुताबिक टैक्स चोरी करने वाली जिन फर्मों कारजिस्ट्रेशन सस्पेंड है, उनकी निगरानी की जा रही। ऐसी 20 से अधिक फर्म हैं जो साठगांठ एवं गुपचुप तरीके से टैक्सचोरी करके माल को इधर-उधर कर रही हैं।

एसआईबी ने पिछल साल दो अगस्त को ऐशबाग स्थित फर्म हिमाचल आरकेजी ट्रेडिंग कंपनी के गोदाम आदि परछापा मारा। बड़े पैमाने पर पान मसाला का स्टॉक सील किया गया। कारोबारी ने इस पान मसाला पर पकड़ी टैक्सचोरी के एवज में 38.56 लाख रुपये जमानत एवं पेनाल्टी के रूप में चुकाया। टीम ने छापामारी में जो दस्तावेज जब्तकिए उसकी जांच करके 102.82 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का असेसमेंट किया गया।

ऐशबाग स्थित राकेश वर्मा की फर्म पर एसआईबी ने इसी साल 27 फरवरी को छापा मारा। 10 करोड़ रुपये की टैक्सचोरी सामने आई। वहीं गोदाम में पाए गए 7.69 लाख रुपये के पान मसाला पर 3 लाख रुपये की पेनाल्टी जमा कराईगई। एसआईबी इस टैक्स चोरी की जांच पूरी कर चुकी है जिसकी असेसमेंट रिपोर्ट कर निर्धारण अधिकारी को नोटिसभेजने एवं टैक्स चोरी की रकम को वसूलने की तैयारी शुरू हो चुकी है।