वड़ोदरा। मोदी के महत्वाकांक्षी परियोजना स्टैचू ऑफ यूनिटी पर एक अप्रत्याशित विवाद खड़ा हो गया है। सरदार वल्लभ भाई पटेल के संबंधियों ने इसका विरोध किया है। परिजनों का कहना है कि इसमें सरदार पटेल जैसा तेज नजर नहीं आता है। इनका ये भी कहना है कि उनके सुझावो को दरकिनार किया गया।
पिछले साल दिसंबर में आणंद के कर्मसाड में सरदार पटेल की 18 फीट की प्रतिकृति का प्रदर्शन किया गया था। लेकिन यहां के निवासी और पटेल के वंशज इससे खुश नहीं थे। उन्होंने इसे तैयार करने वाले पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट (एसवीपीआरएटी) को मूर्ति की शारीरिक संरचना में बदलाव की सलाह दी थी।
मोदी के महत्वाकांक्षी परियोजना स्टैचू ऑफ यूनिट पर एक अप्रत्याशित विवाद खड़ा हो गया है। सरदार वल्लभ भाई पटेल के संबंधियों ने इसका विरोध किया है।
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने बारदोली के बाबेन में पिछले सप्ताह ही 30 फीट की एक और प्रतिकृति का उद्घाटन किया था। तब यहां निवासियों ने उनके सुझावों को शामिल ना करने का आरोप लगाया था।
स्टैचू ऑफ यूनिटी के निर्माण का जिम्मा इंजीनियरिंग कंपनी लारसन एंड टब्रो (एलएंडटी) के पास है। इसका निर्माण सुप्रसिद्ध मूर्तिकार एवं पद्मश्री विजेता राम वी सुतर की देखरेख में हो रहा है।
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