सांठगांठ वाले पूंजीवाद की पक्षधर है यह सरकार 

तोंगलाबाद (महाराष्ट्र): नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ हमला बोलते हुए कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज आरोप लगाया कि इस सरकार ने ऐसे समय में किसानों को बेसहारा छोड़ दिया है जब देश कृषि संकट के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने इसके अलावा कहा कि यह सरकार ‘सांठगांठ वाले पूंजीवाद’ की पक्षधर है ।

महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के प्रभावित गांवों में अपनी दिन भर की ‘पदयात्रा’ शुरू करते हुए उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हालात बहुत अशांत करने वाले हैं । वहां लोगों में ‘बेसहारा छोड़ दिए जाने की भावना’ है । सरकार का काम यह है कि जब लोग कष्ट झेल रहे हों तो वह मदद का हाथ बढ़ाए । ’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन महाराष्ट्र और केंद्र में बैठी सरकारों ने उन्हें धोखा दिया है।’’ हाल में अचानक किए पंजाब के दौरे और वहां संकटग्रस्त किसानों से मिलकर लोटे कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा ,‘देशभर के किसानों की शिकायत है कि भाजपा सरकार ने उन्हें बोनस से वंचित किया है । यह सरकार सिर्फ कुछ सांठगांठ करने वाले पूंजीपतियों की पक्षधर है और उसे किसानों, गरीब लोगों और मजदूरों का संरक्षण करने में कोई दिलचस्पी नहीं है ।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा ,‘यह वह सरकार नहीं है जो किसानों , कामगारों और छोटे व्यवसायियों के लिए काम करे । उसकी जगह यह ऐसी सरकार है जो बड़े औद्योगिक समूहों के हित साधने में लगी है। ये हालात किसान समुदाय के लिए अच्छे नहीं हैं । यह बात मैंने कपास उगाने वाले क्षेत्र के कुछ ऐसे किसान परिवारों से मिलने के बाद महसूस की जिनके घर के सदस्य आत्महत्या जैसा कदम उठा चुके हैं । ’ राहुल ने आज लगातार दूसरे दिन हरियाणा के कृषि मंत्री ओ पी धनखड़ को और उनके उस विवादास्पद बयान के जरिए राजग सरकार को आड़े हाथ लिया जिसमें उन्होंने कहा था कि आत्महत्या करने वाले किसान ‘कायर ’ और ‘अपराधी’ हैं ।

उन्होंने कहा कि इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ने भी संसद में यह कहकर किसानों का मजाक बनाया कि अब तक सिर्फ तीन किसानों ने आत्महत्या की है । आज तड़के अमरावती से अपनी ‘संवाद यात्रा’ शुरू करने वाले राहुल ने उन गांवों में किसानों से संवाद किया जहां का उन्होंने दौरा किया । किसानों ने इस संवाद के दौरान उन्हें अपना दुख सुनाया । उनमें से कुछ किसानों ने उन्हें बताया कि बीमा कंपनियों ने भी उनसे धोखाधड़ी की है और फसल के नुकसान का उन्हें जितना मुआवजा मिलना चाहिए था ,उतना नहीं मिला ।

राहुल ने कहा कि किसानों को तीन मुख्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । ‘‘उनकी पहली और सबसे बड़ी समस्या ऋण है । जहां भी हम गए ,किसानों ने कहा कि उनका रिण माफ किया जाना चाहिए।’’ दूसरी समस्या जो पंजाब में और अन्य हर जगह सुनाई दी ,वह है कि किसानों को अपने अनाज का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है । उन्होंने कहा कि बड़ा मसला यह है कि इसे (न्यूनतम समर्थन मूल्य को ) बढ़ाया नहीं गया है ।

राहुल ने कहा ,‘बोनस का मसला भी सामने आया है । पहले किसानों को बोनस मिला करता था लेकिन अब , वह नहीं मिल रहा है । आम तौर पर सोच यह है कि जिस तरह से मदद आनी चाहिए थी , नहीं आ रही है ।’ हीरापुर गांव में जूट की चटाई पर बैठे राहुल ने मंझोले किसानों के समूह के दुखड़े को बहुत धर्य से सुना ।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ‘बीमा कंपनियां मुआवजा देने के लिए सिर्फ कुछ ही इलाकों को सैंपल इलाकों की तरह चुन रही हैं जबकि शेष किसान मुआवजे के लाभ से वंचित हैं ।’ पांडुरंग नाम के एक किसान ने राहुल से कहा ,‘बीमा कंपनियां अपने एजेंट भेजती हैं जो लाभ पाने के लिए बड़ी विदेशी बीमा कंपनियों को व्यवसाय देते हैं । अंतत: घाटा गरीब किसानों को होता है ।’ उनमें से कुछ ने कहा कि उन्हें उर्वरक और कीटनाशक उंचे दामों पर दिए जाते हैं जबकि उनकी उत्पादन लागत बहुत कम होती है । ग्रामीणों ने राहुल का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि बेमौसम की बरसात के कारण उनकी सोया की फसल बर्बाद हो गई है । संसद में भूअधिग्रहण विधेयक 2015 का विरोध करने के लिए राहुल की प्रशंसा करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि इस बात की आशंक है कि उनकी कृषि भूमि उद्योग लगाने के लिए अधिग्रहित कर ली जाएगी ।

ग्रामीणों ने कांग्रेस नेता को बताया कि जिले के धमनगांव तालुक में 2006 से 2014 के दौरान करीब 171 किसान आत्महत्या कर चुके हैं । तीखी धूप में राहुल पैदल गांव गांव गए । उनकी पदयात्रा में भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता खासतौर से युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता साथ थे और वे पार्टी का झंडा , बैनर और पोस्टर लहराते चल रहे थे ।

इससे पहले , गुंजी में राहुल ,हाल में आत्महत्या का कदम उठाने वाले किसानों नीलेश वालके और अंबादास वाहिले के परिवार वालों से मिले । कुल 1,200 लोगों की आबादी वाला गुंजी राहुल की ‘पदयात्रा’ का पहला पड़ाव था जहां उन्होंने अनाथालय के बच्चों के एक समूह से संक्षिप्त बातचीत की । इसके बाद वे शाहपुर गांव गए । ये वह गांव है जहां किसानों के आत्महत्या करने के काफी अधिक मामले सामने आए हैं । अमरावती जिले के गुंजी से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित इस क्षेत्र का महाराष्ट्र विधानसभा में प्रतिनिधित्व वीरेंद्र जगताप कर रहे हैं ।