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लखनऊ को महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहर बनाने का प्रयास

महिला सुरक्षा पर लखनऊ विश्वविद्यालय में परिचर्चा का आयोजन,  वीरांगना का महिला अपराधों के विरुद्ध एक अभिनव कदम

लखनऊ: शहर में महिलाओं के प्रति बढ़ते आपराधिक और हिंसक मामलों की रोकथाम और लखनऊ को महिला सुरक्षा की दृष्टि  से हिंदुस्तान का सबसे सुरक्षित शहर बनाने के प्रयास के तहत वीरांगना के बैनर तले लखनऊ विश्वविद्यालय के सोशल वर्क डिपार्टमेंट के जे के सभागार में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। 

 परिचर्चा की शुरुवात दीप प्रज्वलन के साथ हुईए स्वागत संबोधन उम्मीद की मुखिया श्रीमती उषा अवस्थी जी ने किया द्य  पैनल डिस्कशन की मध्यस्थता और संचालन वरिष्ठ पत्रकार प्रेमकांत तिवारी  ने किया। 

परिचर्चा में वक्ताओं ने एक सुर में महिला अपराधों की प्रभावी रोकथाम और शहर को देश पहला ऐसा शहर बनाने की वकालत की जहाँ पर महिला सुरक्षा शत प्रतिशत सुनिश्चित हो ए

 श्री अमिताभ ठाकुर, आई जी सिविल डिफेंस, ने वीरांगना मुहीम की सराहना की और  कहा की पुलिस को अपराधों के प्रति अधिक सजग, संवेदनशील और जवाबदेह  रहने की जरुरत है, पुलिस अधिकारीयों को चाहिए की अच्छा कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों की देखभाल मदर टेरेसा की तरह की जाये और लापरवाह पुलिस कर्मियों के प्रति दुर्वासा जैसा व्यवहार करना होगा

श्री आर के चतुर्वेदी ए डी आई जी रेंज लखनऊ ने पुलिस के पुराने संविधान के बदलाव की जरुरत को बताया समाज को अपने आने वाली पीढ़ी को पुलिस की विल्लेन वाली छवि न पेश करके मददगार पुलिस की छवि बताने से लोगों की सोच में पुलिस के प्रति बदलाव आयेगा। 

श्रीमती शीला मिश्रा’ प्रभारी महिला शिकायत प्रकोष्ठ ए लखनऊ विश्वविद्यालय, ने भी महिला सुरक्षा को गंभीर मामला बताया और कहा की जवाबदेही संस्थाओं जैसे पुलिस, न्यायालय और शिक्षा संस्थानों को कुछ करके दिखाना होगा जो समाज में बदलाव दिखे। 

श्रीमती जूही सिंह, चेयरपर्सन, बाल अधिकार आयोग ने वीरांगना आन्दोलन की सराहना की और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। 

श्रीमती सुतापा सान्याल, एडीजीपीए यू पी पुलिस महिला सम्मान प्रकोष्ठ,  ने कहा की हमारे विभाग में संसाधनों की बेहद कमी होने के बावजूद हम महिला मुद्दों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं और काफी काम मकर रहे हैं। 

कुंवर राघवेन्द्र प्रताप सिंह, प्रभारी 1090  वुमन पॉवर लाइन ने कहा की बेटियों को आगे आना होगा अपराधों के खिलाफ, उन्हें मैरिकोम बनना होगा फिर उन्हें कोई आँख दिखने की हिम्मत तक नहीं कर पायेगा

 प्रोफेसर डीके सिंह, हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट ऑफ़ सोशल वर्क, लखनऊ विश्वविद्यालय ने बताया की हम अपने स्टूडेंट्स को महिला शशक्तिकरण के बारे में हमेशा शिक्षित करते रहते हैं उन्होंने भी वीरांगना मुहीम की सराहना की और कहा की महिला सुरक्षा की ओर यह एक अच्छा कदम है। 

परिचर्चा के दौरान सभागार में विश्वविद्यालय सामाजिक कार्य विभाग के छात्र छात्राओं सहित वीरांगना मुहीम को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले साथी अरविंदर कोहली, प्रमिल द्विवेदी, अर्चना त्रिपाठी, बलबीर सिंह, आराधना सिंह, विशाल वर्मा, शन्नो आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। 

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