नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बर्खास्त पार्टी के दो वरिष्ठ नेता-प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वे नई पार्टी का गठन कर सकते हैं। राजनीति में पकड़ कितनी मजबूत है, इसको लेकर दोनों नेता 14 अप्रैल को बी आर अंबेडकर के जन्मदिन पर अपने समर्थकों की राष्ट्रीय विचार-विमर्श सभा का आयोजन करेंगे। 

इस सभा में आप के वे सदस्य भी शामिल होंगे जो इन बागी नेताओं के करीबी हैं। आप के पूर्व आतंरिक लोकपाल एडमिरल एल रामदास और महाराष्ट्र की माजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को भी सभा में हिस्सा लेने के लिए न्योता भेजा जाएगा। 

दोनों नेताओं ने नई पार्टी बनाने के संकेत तभी दे दिए थे जब भूषण ने कहा था की पार्टी का “आप” नाम ही अच्छा नहीं लगता। वहीं, यादव ने कहा था की वह फिर से पढ़ाने की बजाए राजनीति करना पसंद करेंगे। 

भूषण ने कहा कि हमारे सामने तीन रास्ते हैं। पहला यह है कि चुनाव आयोग या फिर अदालतों का दरवाजा खटखटाकर पार्टी को अरविंद केजरीवाल और उनके सर्मथकों से हासिल कर लें। हालांकि, मुझे यह कदम उठाना फिलहाल निजी तौर पर पसंद नहीं है। दूसरा तरीका यह है कि हम नए सिरे से शुरूआत करें जिसमें आप को खड़ा करते वक्त हमने जो आदर्श सोचे थे, उन्हें शामिल किया जाए। तीसरा रास्ता यह है कि बिना किसी पार्टी में शामिल होकर भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित अन्य मुद्दों को उठाएं। 

भविष्य में वह क्या करेंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि आप के जोश को हमें बरकार रखना होगा। हमें आगे बढ़ते रहना होगा। हम नहीं चाहते की ऎसी घटनाओं का हमपर नकारात्मक असर पड़े।