लखनऊ। संचल दल वाणिज्यकर दस्तें के चालक राम विलाास गौड एवं सेवक नारायण यादव की गिरफ्तारी के मामले में अब राजकीय वाहन चालक महासंंघ भी सामने आ गया है। मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव वाणिज्यकर, जिलाधिकारी वाराणसी, एसएसपी वाराणसी को महासंघ की तरफ से पत्र भेजकर महासंघ ने चालक और सेवक को मुकदमें समाप्त कर रिहाई की मांग की है। महासंघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार नेगी और महामंत्री रामफेर पाण्डेय ने कहा कि अगर अगले 72 धन्टे में समुचित निर्णय नही लिया जाता तो महासंघ चक्का जाम आन्दोलन की घोषणा कर सकता है।
उन्होंने पत्र के हवाले से कहाकि इस प्रकरण के अध्ययन से ऐसा प्रतीत होता है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन वााराणसी के अधिकारियों द्वारा वाणिज्य कर के सचल दस्ते के वाहन चालक एवं सेवक को प्रकरण के दायरे में लाया गया है जो इस बात का संकेत देता है कि केवल उक्त दोनों कार्मिकों को ही जानबूझकर मुकदमें में संस्थित किया गया है। उन्होंने कहा कि जब संचल दस्ते में और भी अफसर मौजूद थे तो उन्हें छोड़कर केवल चालक एवं सेवक पर कार्रवाई एवं गिरफ्तारी किसी भी स्थिति में न्यायोचित नही है। उन्होंने कहा कि चालक एवं सेवक विभागीय अधिकारियों के नियमित जाॅच में शामिल थें। उन्होंने यह भी कहा कि इस धटना से प्रदेश के राजकीय चालक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मिकों के सामने ड्युटी करने एवं अपने दायित्वों का निवर्हन करने का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंंने प्रदेश सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। इस मामले में बुलाई गई महासंघ की बैठक में उपाध्यक्ष जयप्रकाश यादव, निर्मल कुमार सोनकर, सुनील कुमार यादव, रामशंकर यादव, सरवर अली, तस्वीर अहमद, सहजराज यादव आदि उपस्थित थे।
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