लखनऊ: मौलाना कल्बे जवाद नकवी पर कुछ नाॅदान और अल्प ज्ञान मौलवियों के द्वारा अनुचित आरोप लगाए जाने के खिलाफ आज मौलाना कल्बे जवाद की प्रतिनिधि  उलेमा कमेटी ने एक जलसा मजलिसे उलेमाये हिन्द के कार्यालय इमामबाड़ा गुफ़रान्माब  में हुआ। सभा में उल्मा ने कहा कि 21 मार्च को हुई प्रेस वार्ता में कुछ मौलवियों के द्वारा दिए गए सभी बयान अल्प ज्ञान और नादानी की दलील है उन्हें पता होना चाहिए कि सीबीसीआईडी मुख्यमंत्री के अंडर में काम करती है। मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कभी सीबीसीआईडी जांच की मांग नहीं की थी ।उनकी मांग सीबीआई जांच की थी लेकिन सरकार ने सीबीआई जांच न कराकर सीबीसीआईडी जांच करा दी अगर सीबीसीआईडी आपको जांच में दोषी पाती है तो इसमें मौलाना कल्बे जवाद का क्या दोष है उसकी शिकायत आपको मुख्यमंत्री से करनी चाहिए ।उल्मा ने  आगे कहा कि मौलाना जहीर अहमद इफ्तिखारी ने जिस पुराने खानदानी वैचारिक मतभेद का हवाला दिया है तो उन्हें मालूम होना चाहिए कि शिया कॉलेज में हो रहे एक जलसे में मौलाना शोजब काजिम मौलाना कल्बे जवाद नकवी को उनके पिता स्वर्गीय मौलाना सैयद क्लबे आबिद की मजलिस से उठाकर शिया कॉलेज के समारोह में ले गए थे और मौलाना कल्बे जव्वाद ने सभा में उनका नाम पेश किया था । आगरा के मुव्वल्ली भी वह मौलाना कल्बे जवाद की सिफारिश पर ही बने थे यह सब जानते हैं। अब अगर वह जांच में दोषी पाए जाते हैं तो मौलाना कल्बे जवाद क्या कर सकते हैं ।रही जहीर अहमद इफतिखारी की बात तो सभी जानते हैं कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनका मौजूद होना इस बात की दलील है कि यह प्रेस कांफ्रेंस किसके इशारे पर हुई है ।

जलसे में मौलाना जव्वार हुसैन, मौलाना हसन जाफर, मौलाना तसनीम महदी, मौलाना शबाहत हुसैन, मौलाना हबीब हैदर और अन्य उलेमा ने भाग लिया।