मेलबर्न : भारत के खिलाफ यहां क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश की हार के दौरान अपने ही अध्यक्ष द्वारा अंपायरिंग की आलोचना को खारिज करते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने आज कहा कि मैच अधिकारियों के खिलाफ मुस्तफा कमाल की टिप्पणी ‘दुर्भाग्यशाली’ और ‘आधारहीन’ है।

आईसीसी के सीईओ डेव रिचर्डसन ने बयान में कहा, ‘आईसीसी ने मुस्तफा कमाल के बयान पर गौर किया है, जो काफी दुर्भाग्यशाली है लेकिन यह उन्होंने निजी तौर पर दिया है। आईसीसी अध्यक्ष के रूप में उन्हें आईसीसी मैच रैफरियों की आलोचना करते हुए अधिक संयम बरतना चाहिए जिनकी ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।’

उन्होंने कहा, ‘नो बॉल का फैसला किसी के भी पक्ष में जा सकता था। खेल भावना कहती है कि अंपायर का फैसला अंतिम होता है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए। कोई भी ऐसा सुझाव कि मैच अधिकारियों का कोई ‘एजेंडा’ था या उन्होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के इतर कुछ किया, आधारहीन है और इसे खारिज किया जा जाता है।’ इससे पहले आईसीसी अध्यक्ष कमाल ने मैदानी अंपायरिंग को ‘काफी खराब’ करार दिया था।

कल यहां क्वार्टर फाइनल में भारत ने बांग्लादेश को 109 रन से हराया। भारत के दबदबे वाले प्रदर्शन के दौरान एक नाटकीय लम्हा भी आया जब शतकवीर रोहित शर्मा को नो बॉल के करीबी मामले में संदेह का लाभ मिला। रोहित जब 90 रन बनाकर खेल रहे थे और टीम का स्कोर 196 रन था तब पारी के 40वें ओवर में रूबेल हुसैन की करीबी ‘नो बॉल’ पर भारत के सलामी बल्लेबाज को संदेह का लाभ मिला। रोहित ने इसके बाद तेजी से 47 रन और जोड़े जिसकी मदद से भारत 300 से अधिक का स्कोर खड़ा करने में सफल रहा।

इयान गाउल्ड ने रूबेल की फुलटास को कमर से ऊपर की ‘नो बॉल’ करार दिया जबकि बल्लेबाज को डीप मिडविकेट बाउंड्री पर लपक लिया गया था। टीवी रीप्ले में हालांकि दिखा कि यह काफी करीबी मामला था और किसी भी टीम के पक्ष में जा सकता था। बीसीबी ने कहा कि वह आईसीसी को अपनी रिपोर्ट में अंपायरिंग के खिलाफ विरोध दर्ज कराएगा।

हसन ने कहा, ‘मैंने आईसीसी अध्यक्ष मुस्तफा कमाल के साथ चर्चा की क्योंकि आईसीसी के सीनियर अधिकारियों में उनके अलावा कोई भी यहां मेलबर्न में मौजूद नहीं था। इस मामले में जो भी किया जा सकता है हम करेंगे।’ इस बीच कमाल ने आईसीसी अध्यक्ष नहीं बल्कि एक प्रशंसक के रूप में कहा कि इस मामले पर गौर किए जाने की जरूरत है।

कमाल ने कहा, ‘मैंने जो देखा उसके मुताबिक अंपायरिंग खराब थी। अंपायरिंग का कोई स्तर नहीं था। ऐसा लग रहा था कि वे मन में कुछ रखकर मैच में उतरे हैं। मैं प्रशंसक के तौर पर कह रहा हूं, आईसीसी अध्यक्ष के रूप में नहीं।’ उन्होंने कहा, ‘अंपायर गलती कर सकते हैं। आईसीसी देखेगा कि यह जानबूझकर तो नहीं किया गया। सब कुछ रिकार्ड है। आईसीसी को जांच करनी होगी।’ इस बीच बांग्लादेश में हार के बाद विरोध शुरू हो गया और प्रशंसकों ने अंपायरिंग के स्तर पर असंतोष जताया।