लखनऊ। इलाहाबाद जिला कचहरी में अधिवक्ता की सरेआम हत्या के विरोध में आज प्रदेशभर में वकीलों का गुस्सा फूटा। हत्यारोपी दारोगा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर वकील हड़ताल पर रहे और पूरे दिन प्रदर्शन चला। मुख्यमंत्री और पुलिस का पुतला फूंका गया। इलाहाबाद जिला कचहरी और हाईकोर्ट परिसर छावनी में तब्दील हो गया। वहां हाईकोर्ट के सामने तोडफ़ोड़ हुई और वाहन में आग लगा दी गई। अभी आरोपी दारोगा की गिरफ्तारी नहीं हुई है पर इलाहाबाद में 11 मुकदमे दर्ज हुए। इनमें छह कर्नलगंज और पांच मुकदमे सिविल लाइंस थाना में दर्ज किए गए हैं। कांस्टेबल अजय नागर को लगी गोली अभी तक निकल नहीं सकी है पर वह खतरे से बाहर है।

राजधानी लखनऊ में वकीलों ने मुख्यमंत्री के विरोध में नारे लगाए। नाराज वकीलों ने अपर महाधिवक्ता गौरव भाटिया को भी दौड़ा लिया। डीएम आवास की ओर कूच कर रहे वकीलों की अधिकारियों के साथ खींचतान भी हुई। उग्र प्रदर्शन की आशंका से कचहरी परिसर के अलावा आसपास का क्षेत्र छावनी में तब्दील कर दिया गया था। 

गौरतलब ही कि बुधवार को इलाहाबाद जिला कचहरी में कहासुनी के बाद उप निरीक्षक शैलेंद्र सिंह ने अधिवक्ता नबी अहमद को गोली मारकर दी थी। गोली चलते ही वहां मौजूद अन्य अधिवक्ता शैलेंद्र की रिवाल्वर छीन कर फायरिंग करने लगे। एक गोली कांस्टेबल को भी लगी। अस्पताल में नबी अहमद को मृत घोषित कर दिया गया था। अधिवक्ता की मौत के बाद पूरे प्रदेश में शुरू हुआ बवाल गुरुवार को भी जारी रहा। इलाहाबाद में दोपहर करीब तीन बजे नबी अहमद को भारी सुरक्षा के बीच सिपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। प्रतापगढ़-कौशांबी में भी वकीलों की हड़ताल रही। हाईकोर्ट के पास हत्यारोपी दारोगा की गिरफ्तारी के लिए नारेबाजी की गई। टायरों में आग लगाने के साथ रेस्टोरेंट में तोडफ़ोड़ की गई। सीसीटीवी कैमरे को उखाड़ दिया और वहां खड़ी मोपेड को आग के हवाले कर दिया गया। इस बीच सरकार ने वकीलों के विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बताया है। पुलिस महानिरीक्षक अपराध आरके स्वर्णकार के अनुसार सभी जगह से शांति की सूचनाएं मिली हैं और सहारनपुर, बागपत और हापुड़ समेत कई जिलों में प्रदर्शन नहीं हुआ।