नई दिल्ली: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के बढ़े हुए मंहगाई भत्ते पर रोक लगाने के फैसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन जैसे बड़े प्रोजेक्ट रोककर भी काम चल जाता। सरकार का महंगाई भत्ते पर रोक लगाने का फैसला असंवेदनशील और अमानवीय है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय फैसला है।’

माना जा रहा है कि महंगाई भत्ते पर रोक लगाने से सरकार को करीब सवा लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए संकट के बीच सरकार इसे बड़ा कदम बता रही है। मोदी सरकार ने पिछले महीने ही केंद्रीय कर्मियों के मंहगाई भत्ते में चार फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया था लेकिन अब बढ़े महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी गई है।

इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले पर कुछ आंकड़े पेश किए और सरकार के इस फैसले पर कर्मचारियों के जले पर नमक छिड़कने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि केवल एक महीने पहले, 23 मार्च, 2020 को मोदी सरकार ने 30,42,000 करोड़ रु. का बजट पारित किया। स्वाभाविक तौर से बजट में आय व खर्चे का लेखा-जोखा स्पष्ट तौर से दिया जाता है। फिर बजट पेश करने के 30 दिन के अंदर ही मोदी सरकार सेना के जवानों, सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स के महंगाई भत्ते पर कैंची चलाकर क्या साबित करना चाहती है? अब एक महीने बाद वित्त मंत्रालय ने अजीबोगरीब फरमान जारी कर दिया है।