नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिये केन्द्र सरकार को कामकाज के लिए तात्कालिक नकदी की जरूरत के लिए उधार की सीमा बढ़ा कर दो लाख करोड़ रुपये कर दिया है।
रिजर्व बैंक द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी फैलने से उत्पन्न स्थिति को देखते हुये भारत सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद यह तय किया गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर 2020) की शेष अवधि के खर्चों को पूरा करने के लिये अग्रिम राशि को 2,00,000 करोड़ रुपये किया जायेगा।
रिजर्व बैंक ने इससे पहले राज्यों के लिये भी उनकी खर्च जरूरतों को पूरा करने के लिये अर्थोपाय रिण की सीमा को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया है। कोरोना वायरस से जूझ रही सरकारों के लिये बंद पड़ी आर्थिक गतिविधियों के बीच संसाधन जुटाने में मुश्किलें आ रही हैं।
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के दौरान होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठकों की समयसारिणी सोमवार को जारी कर दी। इसके मुताबिक वित्त वर्ष में मौद्रिक नीति समिति की पांच बैठकें होंगी। रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पहली बैठक तीन से पांच जून 2020 को होगी।
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