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व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर काम करने वालों के प्रति भी सरकार की जिम्मेदारी हो : नथानी

गोरखपुर: देश के साथ ही पूरी दुनिया आज कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रही है, जिसकी रोकथाम के लिए पूरा देश एकजुटता का परिचय देते हुए लाकडाउन के नियमों का पूरी तरह से पालन कर रहा है। देश का सभी वर्ग वैश्विक महामारी से बचाव के लिए समाज के निचले तबके के हित को देखते हुए उन्हें यथोचित सहायता प्रदान कर रहा है। इस महामारी को झेलते हुए व्यापारी वर्ग एवं औद्योगिक घराने भी अपने स्तर से गरीबों, जरूरतमंदों में आवश्यक राहत सामग्री, भोजन, दवा, मास्क व सेनेटाइजर को वितरित कराकर अपने सामाजिक व नैतिक धर्म का पालन कर रहे हैं जो देश व समाज हित में आवश्यक एवं अनिवार्य है।

उक्त बातें व्यापारी समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व समाजसेवी नवल किशोर नथानी ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से कही। श्री नथानी ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में व्यापारी समाज, पूंजीपति, उद्योगपति व व्यापारिक संगठन पूरे मनोयोग से तन-मन-धन से समाज की सेवा में तत्पर है, ऐसे में उ.प्र. सरकार का यह फरमान कि व्यापारी, कारोबारी, औद्योगिक संचालक आदि सभी भारत सरकार द्वारा घोषित लाकडाउन की अवधि में मार्च माह से अपने कामगारों/कर्मचारियों को वेतन आदि का भुगतान करें, यह एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ है जिसे व्यापारी समाज किसी भी दशा में बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है। श्री नथानी ने कहा कि आज पिछले एक महीने से अधिक का समय हो गया है जब व्यापारियों को विभिन्न तरीके से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा है। ऐसे में अपने कामगारों/कर्मचारियों को वेतन देने से आर्थिक संकट और भी विकट हो सकता है। सरकार द्वारा विभिन्न रूपों में गरीबों, मजदूरों, श्रमिकों को आर्थिक सहायता के साथ ही अन्य जरूरी सामानों की पूर्ति की जा रही है। इस काम में सामाजिक संगठन एवं व्यापारिक संगठन भी पूरी तरह से दृढ़संकल्पित होकर सरकार का सहयोग कर रहे हैं।

नवल किशोर नथानी ने आगे कहा कि लाकडाउन की अवधि में सरकार का यह फैसला व्यापारियों, कारोबारियों के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है जिसकी निन्दा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यापारी, कारोबारी, उद्योगपति सभी देश के प्रधानमंत्री के आह्वान पर पीएम केयर व मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में अपने सामर्थ्य के अनुसार आर्थिक सहयोग के अलावा अन्य प्रकार से सहयोग दे रहे हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नथानी ने कहा कि जिस प्रकार से केन्द्र व राज्य सरकार समाज के अन्य वर्गों के हित को देखते हुए आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रही है उसी प्रकार से व्यापारियों के कर्मचारियों/कामगारों के लिए भी विशेष पैकेज की घोषणा करे ताकि व्यापारी वर्ग पर किसी प्रकार का आर्थिक बोझ न बढ़ने पाये और वह सरकार व समाज सेवा में अपना योगदान करता रहे। व्यापारिक प्रतिष्ठान में काम करने वाले कर्मचारियों के प्रति देश व राज्य सरकार की उतनी ही जिम्मेदारी है जितनी समाज के अन्य वर्गो के प्रति।

अंत में श्री नथानी ने सरकार से अपील किया कि सरकार व्यापारियों, उद्योगपतियों के हितों को देखते हुए अपने उस आदेश को वापस ले जिसमें यह फरमान जारी किया गया है कि कर्मचारियों को व्यापारिक प्रतिष्ठान संचालक मार्च माह से वेतन का भुगतान करेंगे।

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