देश में जारी लॉकडाउन की वजह से विभिन्न समूहों-सामाजिक, आय, आयु, शिक्षा, धर्म और जेंडर के 62.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके पास राशन/दवा जैसी जरूरी चीजों के लिए अब तीन सप्ताह से भी कम पैसा बचा है। न्यूज एजेंसी कोविड ट्रैकर्स इंडेक्स ऑफ पैनिक’ सर्वे के मुताबिक कुल 37.5 फीसदी लोगों ने कहा कि वे तीन सप्ताह से अधिक समय के लिए इन आवश्यक चीजों के लिए तैयार हैं।

यह आंकड़ा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि देश कोरोना महामारी से लड़ने के लिए लगे 21 दिवसीय लॉकडाउन के अंत के करीब जा रहा है, और राज्य सरकारों के बीच दो और हफ्तों के लिए लॉकडाउन का विस्तार करने के लिए एक आम सहमति बन रही है। सर्वे के अनुसार, कम आय और शिक्षा समूहों वाले लोगों की स्थिति ज़्यादा खराब है। जहां 70:30 के अनुपात में अधिकांश लोगों के पास तीन सप्ताह से अधिक समय तक राशन, दवा आदि के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं हैं।

21 दिनों का लॉकडाउन खत्म होने में अभी दो दिन बाकी हैं लेकिन इस बीच कई राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। ओडिशा और पंजाब के बाद अब तेलंगाना की केसीआर सरकार ने भी लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला किया है। इस बीच लॉकडाउन में फंसे लोगों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। गुजरात के सूरत में कल प्रवासी मजदूरों ने हंगामा किया था और दुकानों में तोड़फोड़ व आगजनी की थी। वे लोग अपने-अपने घर जाने देने की मांग कर रहे थे। आज (12 अप्रैल, रविवार) पंजाब के पटियाला में लॉकडाउन के दौरान कर्फ्यू पास मांगने पर निहंगियों ने एक पुलिस ASI पर हमला बोलते हुए उसका हाथ काट डाला।