लखनऊ: “कोरोना संक्रमण के सम्बंध में छापी या न्यूज चैनलों पर दिखाई जा रही खबरों में पुलिस व प्रशासन के पक्ष को भी देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का शत प्रतिशत अनुपालन कराया जाए और इसका उल्लंघन कर फेक न्यूज चलाने वाले चेनलों तथा समाचार पत्रों व न्यूज़ एजेंसी के खिलाफ केस दर्ज कर कडी कार्यवाही की जाए ताकि समाज में वैमनस्यता व साम्प्रदायिकता को रोका जा सके और पूरा देश एकजुट होकर इस संकट का सामना कर सके। यह बात आज एस आर दारापुरी आईपीएस (से.नि.) राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश को प्रेषित पत्र में कही है. उन्होंने कहा है की पिछले दिनों कुछ टीवी चेनलों तथा एक न्यूज़ एजंसी द्वारा सहारनपुर, फिरोजाबाद तथा इलाहबाद में कोरोना के मरीजों के लेकर फेक न्यूज़ चलाई गयी थी जिसे पुलिस ने जांच से झूठा पाया था तथा इन चेंनलों को अपने टवीट हटाने के लिए आदेश दिया था. यह सर्वविदित है कि इन चेनलों/एजंसी द्वारा चलाई गयी फेक न्यूज़ का सामाजिक सौहार्द पर बहुत बुरा असर पड़ा है. इतना ही नहीं इन फेक न्यूज़ से एक तबके के खिलाफ दूसरे तबकों में तीव्र घृणा एवं विद्वेष भी पैदा हुया है.

यह विचारणीय है कि इस समय जब देश कोरोना की महामारी से लड़ रहा है जिसमें समाज के सभी तबकों के सहयोग तथा सामजिक सौहार्द की आवश्यकता है तो ऐसे समय में फेक न्यूज़ चला कर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ना बहुत घातक हो सकता है जोकि क्षम्य नहीं है. यह भी देखने की बात है कि क्या ऐसे राष्ट्रीय संकट के समय में ऐसा राष्ट्रविरोधी कार्य करने वालों को केवल अपना ट्वीट डिलीट करने के लिए कह कर छोड़ देना पर्याप्त है? महाराष्ट्र सरकार ने ऐसे न्यूज चैनलों के विरूध्द मुकदमा दर्ज किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार ने भी कल कोरोना के नाम पर सामाजिक वैमनस्य न फैलाने की अपील की है।
अतः आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट जनहित एवं राष्ट्रहित में मांग करता है फेक न्यूज़ चलाने वाले चैनलों तथा न्यूज़ एजंसी के विरुद्ध केस दर्ज करके कडी कार्यवाही की जानी चाहिए.