प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में मलेरियारोधी दवा हाइड्रोक्लोरोक्विन के मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को मुफ्त वितरण पर रोक नहीं लगाने और भारत सरकार से मलेरियारोधी इस दवा को अमेरिका को किसी भी हालत में निर्यात न करने का आग्रह करने की मांग आज मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर स्वराज अभियान ने की है।

स्वराज अभियान नेता और वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने पत्र में मुख्यमंत्री का ध्यान भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अखबारों में छपे बयान कि मलेरियारोधी दवा हाइड्रोक्लोरोक्विन के उपयोग की अनुमति संक्रमितों के संपर्क में आए व उनका इलाज कर रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए ही है जिसका शीर्षक ‘मलेरियारोधी दवा केवल स्वास्थ्यकर्मियों के लिए‘ की तरफ आकृष्ट कराया है। सीएम के संज्ञान में आदिवासी-दलित बाहुल्य सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली की नौगढ़ तहसील की हालत को लाते हुए बताया गया कि यहां लोगों को बड़े पैमाने पर मलेरिया होता है।

विशेषकर सोनभद्र जनपद की दुद्धी तहसील में तो ग्रामीण व नागरिक सर्वाधिक मलेरिया से पीड़ित होते हैं और मलेरिया के कारण उनकी मौतें भी होती हैं। इस क्षेत्र में राजनीतिक सामाजिक कार्य करने के कारण मैं खुद लम्बे समय तक मलेरिया से पीड़ित रहा हूं। यहां के हर सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य केन्द्रों पर मलेरिया पीड़ित व्यक्ति को सरकार की तरफ से मलेरियारोधी दवा हाइड्रोक्लोरोक्विन मुफ्त में मिलती है, जिससे लोगों के जीवन की रक्षा होती है।

पत्र में कहा गया है कि केन्द्र सरकार के उपरोक्त आदेश के बाद ग्रामीणों को मिल रही मलेरियारोधी दवा हाइड्रोक्लोरोक्विन मिलनी बंद हो जायेगी जिससे इन क्षेत्रों के लोग बेमौत मरने पर मजबूर होंगे। ऐसी भी सूचना है कि भारत सरकार मलेरियारोधी दवा हाइड्रोक्लोरोक्विन को अमेरिका को निर्यात करने जा रही है जो इसे कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल करेगा। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। अतः निवेदन किया गया है कि प्रदेश में इस दवा के मुफ्त वितरण को न रोका जाए और भारत सरकार से इस दवा के निर्यात को नहीं करने का आग्रह किया जाए।