नई दिल्ली: यस बैंक की ओर से अंधाधुंध लोन बांटने के चलते डूबने की कहानियां अभी खत्म भी नहीं हुई हैं कि अब जम्मू एंड कश्मीर कॉपरेटिव बैंक में घोटाले का मामला सामने आया है। इस सहकारी बैंक के चेयरमैन एम. शफी दार के खिलाफ 223 करोड़ रुपये का फर्जी होम लोन देने को लेकर केस दर्ज किया गया है। दार ने रिवर झेलम कॉपरेटिव हाउसिंग बिल्डिंग सोसायटी नाम की संस्था को 223 करोड़ रुपये का लोन दे दिया, जो सिर्फ कागजों में ही मौजूद है।

इस मामले के सामने आने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने बैंक के चीफ एम. शफी दार के खिलाफ केस दर्ज किया है। एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रवक्ता ने इस मामले की बाबत पूछे जाने पर कहा कि दार ने बैंक के अधिकारियों और लोन के लाभार्थी से मिलीभगत के साथ मिलकर यह काम किया था। इस फर्जी कॉपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के मुखिया के तौर पर श्रीनगर के मागरमल बाग इलाके के रहने वाले हिलाल अहमद मीर का नाम दिया गया है।

एंटी करप्शन ब्यूरो ने बताया कि जांच में यह बात पता चली है कि फर्जी कॉपरेटिव सोसायटी के तथाकथित चेयरमैन ने कॉपरेटिव विभाग के सेक्रेटरी को पत्र लिखकर कहा था कि वे जम्मू-कश्मीर कॉपरेटिव बैंक के चेयरमैन को 300 करोड़ रुपये का लोन जारी करने का आदेश दें। दार ने यह लोन श्रीनगर के बाहरी इलाके शिवापोरा में 37.5 एकड़ जमीन खरीदने के लिए मांगा था। दार ने अपने आवेदन में कहा था कि यहां पर वह सैटेलाइट टाउनशिप बसाएंगे। एंटी करप्शन ब्यूरो का कहना है कि इस मामले में बिना नियमों का पालन किए और तय प्रक्रिया को पूरी किए बगैर ही 223 करोड़ रुपये का भारीभरकम लोन जारी कर दिया गया था।

नियमों के खिलाफ लोन बांटने से डूबा यस बैंक: गौरतलब है कि कैश के संकट से जूझ रहे यस बैंक के प्रबंधन पर भी कॉर्पोरेट घरानों को मिलीभगत से लोन बांटने का आरोप है। फिलहाल यस बैंक पर आरबीआई ने नियंत्रण स्थापित करते हुए बोर्ड को भंग कर दिया है और अपना प्रशासन नियुक्त किया है। इसके अलावा ग्राहकों पर महीने में 50,000 रुपये से ज्यादा निकालने पर भी रोक लगा दी गई है।