लखनऊ: भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने यहां हुसैनाबाद (चौक) स्थित घंटाघर के निकट सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पर्चा बांटने पर मैग्सेसे पुरस्कार विजेता डॉ. संदीप पांडेय व नौ अन्य को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिये जाने की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने डॉ. पांडेय समेत सभी को बिना शर्त अविलंब रिहा करने की मांग की है।
माले राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि सीएए का विरोध पर्चे बांट कर करना कानूनन जुर्म नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक विरोध के संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के तहत है। दिल्ली में शाहीनबाग में महिलाओं के सीएए-विरोधी धरने पर सर्वोच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई में शीर्ष अदालत ने भी नागरिकों के शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार को कानूनी तौर पर जायज माना है। लिहाजा लखनऊ में डॉ. पांडेय द्वारा सीएए के विरोध में पर्चा बांटने पर शांति भंग करने का पुलिस द्वारा लगाया गया आरोप (धारा 151) बेतुका और आधारहीन है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार के इशारे पर उत्तर प्रदेश पुलिस विरोध और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले कर रही है।
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