नई दिल्ली: दिल्ली के शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सोमवार को जस्टिस एस के कौल की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी सार्वजनिक सड़क को अवरुद्ध नहीं कर सकते है। यह सही नहीं है लेकिन कोर्ट ने कहा कि उन्हें प्रदर्शन करने का अधिकार भी है। वहीं, कोर्ट ने कहा कि दूसरे पक्ष की बात सुने बिना कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है। सुनवाई की अगली तारीख कोर्ट ने 17 फरवरी को तय की है। इस बाबत कोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। बता दें कि शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में पिछले 50 दिनों से ज्यादा समय से प्रदर्शन जारी है। इसके कारण 15 दिसबंर से कालिंदी कुंज-शाहिन बाग मार्ग बंद है।

वहीं, शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान मासूम की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। प्रदर्शन में मासूम और नाबालिगों की भागीदारी रोकने को लेकर भी सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सड़क से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सुनवाई करने का फैसला लिया था।

शुक्रवार (7 फरवरी) को न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा था, ''हम इस बात को समझते हैं कि वहां समस्या है और हमें देखना होगा कि इसे कैसे सुलझाया जाए। हम सोमवार को इस पर सुनवाई करेंगे। तब हम बेहतर स्थिति में होंगे।" जब याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आठ फरवरी को मतदान होना है तो पीठ ने कहा, ''हम इसलिए ही तो कह रह रहे हैं कि सोमवार को आइए। हम उसे प्रभावित क्यों करें?"

पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह सोमवार को इस बात पर बहस करने के लिए तैयार होकर आएं कि इस मामले को दिल्ली हाई कोर्ट को वापस क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए। पीठ ने कहा, ''हमें लगता है कि यह उचित होगा यदि हाई कोर्ट मामले पर सुनवाई करें। हाई कोर्ट उपयुक्त मंच है और हम इस संबंध में निर्देश जारी कर सकते हैं।"

सुप्रीम कोर्ट वकील अमित साहनी की अपील पर सुनवाई कर रहा है। साहनी ने कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग पर यातायात की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने के वास्ते हाई कोर्ट का रुख किया था। सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने 15 दिसंबर से इस मार्ग को अवरुद्ध कर रखा है। हाई कोर्ट ने स्थानीय अधिकारियों से कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इससे निपटने के लिए कहा था। इसके अलावा दिल्ली के पूर्व विधायक नंद किशोर गर्ग ने अपने वकील शशांक देव सुधी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में अलग से एक याचिका दायर कर अधिकारियों को शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के कारण पिछले साल 15 दिसंबर से कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग अवरुद्ध है।