लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा पी.सी.एस. समेत अन्य परीक्षाओं की भर्ती में आरक्षण के प्रावधान में किये गये बदलावों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने गहरी चिंता व्यक्त की है। इस बदलाव से प्रदेश के लाखों की संख्या मे अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यर्थी प्रभावित होंगे।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि यू.पी.पी.एस.सी. के द्वारा आरक्षण के प्रावधान में बदलाव करना संविधान में वर्णित न्याय की संकल्पना यानी ‘‘सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय’’ का खुला उल्लंघन है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 (4) में राज्य के सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों तो उचित अवसर प्रदान करने के लिए राज्य को निर्देशित करता है। इसी के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण मिला हुआ है।

उन्होंने कहा कि उ0प्र0 लोक सेवा आयोग का निर्णय कि आयोग की सभी परीक्षाओं के अंतिम चयन परिणाम में अनारक्षित वर्ग में आरक्षित वर्ग की ओवरलैपिंग नहीं हो सकेगी, यह पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है। यह आरक्षित वर्ग को उनके अधिकारों से वंचित करने का षडयंत्र है। सरकार या आयोग यह तर्क देकर नहीं बच सकते कि हाईकोर्ट के किसी आदेश के अंतर्गत ऐसा किया जा रहा है। यदि कोई न्यायिक अड़चन है तो यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उसे दूर कर संविधान के अंतर्गत आरक्षण की व्यवस्था को लागू करायें जिससे लाखों पिछड़ांे, दलित वर्ग के छात्रों के अधिकारों का हनन न हो पायें।