नई दिल्ली: असम पुलिस ने शनिवार को सामाजिक कार्यकर्ता शरजील इमाम के खिलाफ राज्य को भारत के बाकी हिस्से से ‘‘अलग करने’’ संबंधी उसकी कथित टिप्पणी के लिए आतंकवाद निरोधक कानून के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की।

इमाम दिल्ली के शाहीनबाग में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के दौरान सुर्खियों में आया था। असम पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह ने कहा कि इमाम के खिलाफ प्राथमिकी गुवाहाटी में अपराध शाखा पुलिस थाने में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत दर्ज की गई।

सिंह ने इमाम के भाषण के कथित वीडियो के साथ ट्वीट किया, ‘‘शरजील इमाम के खिलाफ गुवाहाटी अपराध शाखा पुलिस थाने में एक प्राथमिकी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून और भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 153 बी और 124 ए के तहत दर्ज की गई है।’’

इमाम को आडियो क्लिप में कथित तौर पर यह कहते सुना गया कि असम को भारत के बाकी हिस्से से अलग कर दिया जाना चाहिए क्योंकि बंगालियों… हिंदुओं और मुस्लिमों दोनों… को मारा जा रहा है या निरोध केंद्रों में रखा जा रहा है।

इससे पहले असम के मंत्री हेमंत विश्व सरमा ने कहा था कि असम सरकार इमाम के खिलाफ राज्य में कानून-व्यवस्था को भंग करने के 'मकसद' से की गई 'राजद्रोहपूर्ण' टिप्पणी के लिए मामला दर्ज करेगी। सरमा ने कहा, ‘‘असम सरकार ने इस राजद्रोहपूर्ण बयान को संज्ञान में लिया है और हम इस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे।’’